किसान नेताओ ने कहा मांग पूरी होने के बाद होगा संघर्ष समाप्त ..
सुहेला-कुम्हारी बांध की जल क्षमता बढ़ाने और गुर्रा तक नहर का विस्तार करने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले 20 मार्च से शुरू हुई पदयात्रा का समापन सोमवार को सुहेला के शीतला मंदिर में पूजा अर्चना कर किया गया,बाद में तहसील कार्यालय पहुंचकर किसान नेता राजू शर्मा के अगुवाई में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम एक ज्ञापन और कुम्हारी जलाशय से भरा कलश तहसीलदार को सौपा गया | किसान नेता राजू शर्मा के नेतृत्व में कुम्हारी जलाशय से गंगा आरती के साथ शुरू हुई उक्त यात्रा ने 14 दिनों तक 42 गांवो का भ्रमणकिया,ज्ञापन देने के पश्चात,,किसान नेताओं ने सुहेला के महामाया चौक पर सभा आयोजित कर सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 1 माह के भीतर मुख्यमंत्री द्वारा किए गए भूमि पूजन वाले इस योजना का प्रारंभ नहीं हुआ तो किसान आमरण अनशन और चक्का जाम कर चुनाव के बहिष्कार करने की घोषणा करेंगे,,
आदोलन का नेतृत्व कर रहे राजू शर्मा ने कहा कि कुम्हारी जलाशय के विस्तार की मांग रूपी यज्ञ में आप सभी आहुति देने आए हैं, जिसके लिए अंत तक जोश के साथ सहयोग बनाए रखना होगा। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद हंगामा खड़ा करना नहीं बल्कि किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाना है।
जिला पंचायत सदस्य अदिति नेमसिंह बघमार ने उपस्थित जनसमूह की ओर इशारा करते हुए कहा कि मांग को लेकर किसान संगठित है और मैं भी एक किसान होने के नाते मांग का समर्थन कर रही हूं और यह संघर्ष मांग पूरा होने के बाद ही समाप्त होगा । उन्होंने सभा में शामिल लोगो से आग्रह किया कि नल नील की तरह नहीं तो गिलहरी की तरह आंदोलन को अपना सहयोग प्रदान करते रहेंं।
समिति के अध्यक्ष भरत लाल वर्मा ने जल को ही जीवन बताते हुए कहा कि पानी नहीं तो वोट नहीं वहीं यात्रा के संयोजक ने कहा कि मांगे पूरे होने तक संघर्ष जारी रहेगा चाहे इसके लिए चक्का जाम आमरण अनशन चुनाव बहिष्कार और विधानसभा के घेराव जैसे कड़े कदम ही क्यों न उठाने पड़े। कार्यक्रम को सुहेला सरपंच सविता संतोष वर्मा चंडी सरपंच प्रतिनिधि द्वारिका वर्मा शिव कटरिया आदि लोगों ने भी संबोधित किया।
सभा में डॉ धनीराम साहू, नेमसिंह बघमार, रानी जरोद सरपंच सेवक साहू, मटिया सरपंच बंसी साहू, रेवाराम साहू सनत बाघमार, होरीलाल वर्मा ,ठाकुर राम वर्मा, मिलऊ राम वर्मा, सहित बहेराडीह, सरारीडीह,टोंहड़ा, परसदा तुलसी मानपुर विश्रामपुर सरफोंगा अल्दा, बोईरझिटी, नवापारा बिटकुली बरडीहा खैरवारी, भटभेरा, बुड़गहन धोबनीडीह,बासीन, सुहेला, लोहारी ,शिकारी केसली, भोथीडीह ,रानी जरौद,पड़कीडीह, मानिकपुर ,आमाकोनी, टेकारी, तुरमा ,अमेठी ,गुर्रा ,मटिया ,फरहदा, डिग्गी ,खपरी चमारी ,हिरमी ,मोहभट्ठा मोहरा करही चंडी रवेली झीपन सहित 50 से अधिक गांव के लोग शामिल हुए।
सभा में पहुंची भीड़ में महिलाओं की संख्या पुरुषों से कहीं अधिक रही ज्यदातर महिलाए गांव में दिए गए कुम्हारी जलाशय के पानी को कलश में भरकर सिर पर रखकर आई हुई थी। किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रशासन द्वारा कोटवारों द्वारा मुनादी कराकर खुले वाहन से आने के लिए किसानों को रोका गया था अन्यथा भीड़ और अधिक होती।