Monday, November 25, 2024
Homeछत्तीसगढ़राजनीति के आड़ में गुंडागर्दी करने वालों को बचाने. शांति प्रिय शहर...

राजनीति के आड़ में गुंडागर्दी करने वालों को बचाने. शांति प्रिय शहर में पेट्रोल फेंक रहे हैं अधिकारी ! तिल्दा नेवरा पत्रिका न्यूज़

इंदर कोटवानी

तिल्दा नेवरा एक तरफ छत्तीसगढ़ में विष्णु देव की सरकार सुशासन की बात करते हैं..।पुलिस के आला अफसर भी गुंडागर्दी पर लगाम कसने का दभ भरते हैं.. लेकिन दूसरी तरफ कुछ ऐसे अधिकारी भी है. जो राजनीति से जुड़े बदमाशों को बचाने में अपनी नैतिकता और प्रशासनीय शक्तियों को उनके कदमों में डाल शहर की शांति में पेट्रोल फेंक रहे हैं..। लेकिन अधिकारियो को यह जानकारी होनी चाहिए कि यदि पेट्रोल की चिंगारी से आग भड़की तो ये अधिकारी स्थिति को संभाल भी नहीं पाएंगे …

दरअसल शहर में रायपुर जिले का एक भाजपा पदाधिकारी अनिल अग्रवाल अपने आपको मंत्री का खास बताकर आतंक मचाने में लगा हुआ है.. अपने गुर्गो से लोगों की जमीनों पर कब्जा करना. दुर्बल व्यक्तियों की जमीन पर कब्जा करने की धमकी देकर औने पौने दाम पर मजबूर करना, कुछ पुलिस कर्मियों से मिलकर लोगों को झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देकर कर डराने  वाले इस भाजपा पदाधिकारी पर पुलिस ने ट्रक जलाने के आरोप में उसके विरुद्ध गंभीर धाराओं तहत मामला दर्ज किया है।हलाकि इस नेता पर  पहले भी  पुलिस थाने में कई आपराधिक मामले दर्ज है, लेकिन राजनीति के आड़ में हमेशा वो बचते रहा है.लेकिन इस बर्र का अपराध दर्ज होना उसे भरी पड़ता दिख रहा है .

बता दे  की 3 अक्टूबर की रात तिल्दा-कोटा सड़क किनारे खड़े ट्रक से टकराकर एक बाइक सवार युवक की  मौत हो गई थी.उसके बाद वहां लोग इकट्ठे हो गए और आक्रोशित होकर ट्रक मालिक सारथी ट्रेडर्स को धमकियां देकर जातिगत गालियां दे रहे थे . इस बीच भाजपा नेता अनिल अग्रवाल भी वहां पहुंच गया और उन्होंने आग में घी डालने का काम किया. उसके बाद भीड़ अचानक उत्तेजित हो गई और वहां खड़े दो ट्रेलर में आग लगा दी.. उसके बाद काफी देर तक बवाल होता रहा।

जानकारी के बाद मौके पर तिल्दा पहुच गई ,मामले की गंभीरता को देखते हुए रायपुर जिले के ग्रामीण पुलिस कप्तान कीर्तन राठौर अतिरिक्त बल के साथ तिल्दा पहुंच गए, साथ ही तिल्दा नेवरा से लगे रायपुर जिले के आसपास के थानों की पुलिस को भी बुलाना पड़ गया। बाद में भीड़ थाने पहुंच गई और सड़क पर बैठकर चक्का जाम कर नारेबाजी करती रही . पुलिस के समझाइश के बाद भी चकाजाम में शामिल लोग हटने  से इनकार करते रहे। उसके बाद व्यापारी पर 10 लाख रुपए नगदतत्काल  मुआवजा देने का दबाव डालने लगे .. व्यवसायी को धमकियां भी दी जाने लगी उसके बाद भयभीत व्यापारी ने 6 लख रुपए मृतक के परिजनों को दे दिया।

उधर जब पुलिस ने मामले की जांच की तो सीसी कैमरे में उक्त भाजपा नेता भीड़ को भड़कते हुए साफ दिखाई दे रहा था दिया। पुलिस ने प्रार्थी की रिपोर्ट पर उक्त भाजपा के नेता सहित 6 अन्य लोगों पर नामजद रिपोर्ट के साथ अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया.

उसके बाद से उक्त नेता ने दबाव की राजनीति शुरू कर दी .पहले तो एसडीएम और तहसीलदार को बड़े अधिकारियो के सामने खड़ा कर दोनों प्रशासनिक अधिकारियों से यह कहलवाया कि इस प्रकरण में उक्त भाजपा नेता इस मामले में दूर-दूर तक शामिल नहीं है. उसके बाद व्यापारी पर दूसरे रूप से भी दबाव बनाया गया. कि वे अपना बयान वापस ले ले और पुलिस से यह कहे कि प्रकरण में भाजपा नेता नहीं थे. उन्हें झूठा फसाया गया है. बावजूद जब बात नहीं बनी तो अब एसडीएम के आदेश पर तहसीलदार ने सारथी ट्रेडर्स को एक नोटिस भेज कर उनकी जमीन का सीमांकन करने की बात कही है। अनुविभागीय अधिकारी जैसे बड़े पद में रहने के बाद भी जिस प्रकार एसडीएम और तहसीलदार काम कर रहे हैं उसे कभी भी शहर का माहौल बिगड़ सकता है। उसके बाद स्थिति को संभालना प्रशासन के लिए मुश्किल हो सकता है..

सीमांकन का नोटिस देकर व्यापारी को डराने वाले अधिकारी खुलेआम पैसे लेकर अवैध कब्जा कर रहे हैं.यकीन नहीं होता तो कलेक्टर महोदय आप आमंत्रित हैं शहर सीमा में प्रवेश करते ही आपको दिखाने लगेगा किस तरह से शहर में अवैध कब्जे हो रहे हैं.दीनदयाल उपाध्याय चौक से लेकर हाई स्कूल रोड पर कई पक्के दुकान अवैध रूप से बन रहे हैं.

लेकिन उनके द्वारा अधिकारियों को दिए गए पैसों ने उनका मुंह को बंद कर रख दिया है. जबकि इस रोड पर 50 साल पुराने कब्जाधारी के अपने पुराने घर को तोड़कर नए सिरे से कराए जा रहे  निर्माण को रोक दिया गया है. क्यों कि उन्होंने अधिकारियो के  मांग के अनुरूप पैसे देने से इनकार कर दिया. लोगों का आरोप है कि तहसीलदार तो बिना पैसे लिए आवेदन भी लेने से इनकार कर देती है. शहर में तहसीलदार और एसडीम के द्वारा जिस प्रकार कब्जा कराए जा रहे हैं, यदि इसी तरह कब्जे चलते रहे तो शहर में 1 इंच सरकारी जमीन नहीं बचेगी.संविधान ने अधिकारियों को जो ताकत दी है अधिकारी उसका दुरुपयोग ना करें.. सरकारी आती जाती रहेगी लेकिन अधिकारी अपने अधिकारों को ना भूले .. कलेक्टर रानू साहू . आलोक शुक्ला.. जैसे कई अधिकारी जेल में है. इनकी गलती क्या है सभी अधिकारी भली भांति समझते हैं..l

उधर  एसडीएम और तहसीलदार दोनों इस बात से इनकार करते हैं कि उनके द्वारा कब्जे कराए जा रहे हैं. उनका कहना है की शिकायत मिलेगी तो हम निश्चित रूप से कार्रवाई करेंगे. सीमांकन को लेकर हमने जो नोटिस जारी किया है . उसके लिए दुकान दार के खिलाफ मोहल्ले के लोगों ने सीमांकन करने के लिए आवेदन दिया है..

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments