Thursday, November 21, 2024
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तालिबान का अजब फरमान; महिलाओं के उस शौक पर BAN लगाया, जिसके बिना वो रह नहीं सकती

तालिबानियों ने अफगानी महिलाओं की जिंदगी को नरक बना रखा है। अक्सर एक के बाद एक महिलाओं पर प्रतिबंध लगाने वाले फरमान जारी किए जा रहे हैं। महिलाओं की शिक्षा, नौकरी, पहनावे पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है। अब तालिबानियों ने महिलाओं के उस शौक पर भी खंजर चला दिया है, जिसके उनका रह पाना मुश्किल है।

तालिबानियों ने अफगानिस्तान में महिलाओं  पर इस बार बेहद कड़ा प्रतिबंध लगाने का फरमान जारी किया है। अभी तक तालिबान महिलाओं के काम करने, उनके पढ़ने और कपड़ों पर प्रतिबंध लगा चुका है। मगर अब महिलाओं के उस शौक पर प्रतिबंध का एक ऐसा नया फरमान जारी किया है, कि जिसके बगैर वह रह नहीं सकतीं। तालिबान के इस नए फरमान से महिलाएं सकते में आ गई हैं।

तालिबान ने काबुल में महिलाओं के ब्यूटी सैलून पर लगायाप्रतिबंध

दरअसल तालिबान ने काबुल में महिलाओं के ब्यूटी सैलून पर प्रतिबंध लगाने का नया फरमान जारी किया है। तालिबान के वाइस और सदाचार मंत्रालय ने काबुल नगर पालिका को तालिबान नेता के नए फरमान को लागू करने और महिलाओं के ब्यूटी सैलून लाइसेंस रद्द करने का भी निर्देश दिया है।  तालिबान के वाइस एंड सदाचार मंत्रालय के एक प्रतिनिधि मोहम्मद आकिफ महाजर ने टोलो न्यूज को बताया कि एक अन्य मौखिक घोषणा में, तालिबान ने काबुल और देश भर के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के ब्यूटी पार्लरों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

महिलाएं कर रहीं विरोध

मेकअप आर्टिस्ट रेहान मुबारिज़ ने तालिबान के इस फरमान के बाद कहा कि “पुरुष बेरोजगार हैं। जब पुरुष अपने परिवार की देखभाल नहीं कर सकते, तो महिलाओं को रोटी की तलाश में ब्यूटी सैलून में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। अगर उन्हें वहां प्रतिबंधित कर दिया जाता है, तो हम क्या कर सकते हैं?”अगर (परिवार के) पुरुषों के पास नौकरी होगी तो हम घर से बाहर नहीं निकलेंगे। हम क्या कर सकते हैं? हमें भूखा मर जाना चाहिए, हमें क्या करना चाहिए? आप चाहते हैं कि हम मर जाएं।”

शिक्षा और मनोरंजन पर पहले ही प्रतिबंध
इस्लामिक अमीरात ने लड़कियों और महिलाओं को स्कूलों, कॉलेजों में जाने और गैर सरकारी संगठनों और सार्वजनिक क्षेत्रों जैसे पार्क, फिल्म और अन्य मनोरंजन क्षेत्रों में काम करने से पहले ही प्रतिबंधित कर दिया है। काबुल निवासी अब्दुल खबीर ने कहा, “सरकार को इसके लिए एक रूपरेखा बनानी चाहिए। रूपरेखा इस तरह होनी चाहिए कि न तो इस्लाम को नुकसान हो और न ही देश को।”

ईद समारोह में भी जाने पर रोक
इससे पहले तालिबान के एक अन्य आदेश में अप्रैल में  महिलाओं को ईद समारोह में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह प्रतिबंध अफगानिस्तान के दो प्रांतों में लगाया गया है। खामा प्रेस के मुताबिक, बगलान और तखर में महिलाओं को ईद-उल-फितर के दौरान समूहों में बाहर जाने पर रोक लगा दी गई है। तालिबान द्वारा अफगान महिलाओं पर प्रतिबंध लगाने से सार्वजनिक और दुनिया भर में प्रतिक्रियाएं भड़क उठी हैं।

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