बिलासपुर में सौतेले पिता ने 8 साल के बच्चे को गला घोंटकर मार डाला। आरोपी की दूसरी पत्नी उसके साथ जाने के लिए तैयार नहीं थी। इसलिए उसकी हत्या कर शव को जंगल में फेंक दिया। 14 दिन से गायब बच्चे की तलाश के दौरान पहले संदेही ने पुलिस को गुमराह किया।
अब उसने हत्या कर उसके शव को जंगल में फेंकना कबूल किया है। पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर शव की तलाश कर रही है। लेकिन, अब तक बच्चे का कुछ पता नहीं चल सका है। ऐसे में यह मर्डर पुलिस के लिए मिस्ट्री बन गई है। मामला बेलगहना क्षेत्र का है।
बेटा 14 दिन से घर से गायब
दरअसल, ग्राम आमागोहन निवासी रेवती गोड़ का 8 साल का बेटा माधव 14 दिन से अपने घर से गायब है। पुलिस की जांच में पता चला कि, करीब 10 साल पहले रेवती की शादी कसडोल के प्रमोद साहू से हुई थी। शादी के बाद वो ससुराल में ही थी। इस बीच दो बच्चे हुए। इनमें आठ साल का माधव बड़ा था। छोटे की उम्र अभी चार साल है।
कोरोना के पहले पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ तो रेवती पहले छोटे बेटे को लेकर मायके आमागोहन आकर रहने लगी। बड़ा बेटा माधव अपने पिता प्रमोद के साथ रह गया था। प्रमोद उसे कसडोल से लेकर आया और खोंगसरा में छोड़कर चला गया। जिसके बाद से वो अपनी मां के साथ रहने लगा।
10 दिसंबर को बच्चे को लेकर निकला था दूसरा पति
इसी दौरान रेवती का परिचय जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम कैथा निवासी गौरव साहू से हुई। बाद में फिर दोनों पति-पत्नी के रूप में रहने लगे। पिछले 10 दिसंबर को गौरव साहू अपने सौतेले बेटे माधव को लेकर घर से निकला। जिसके बाद वो मोबाइल बंद कर गायब हो गया। इधर, रेवती अपने बेटे माधव और गौरव की तलाश में भटकती रही। यह जानकारी पूरे गांव के लोगों को हुई।
इस बीच 22 दिसंबर को गौरव अचानक आमागोहन आया, तो लोगों ने उसे पकड़ लिया। माधव के बारे में पूछताछ की तो वह घबरा गया। इस दौरान डर के कारण उसने खुद ही डॉयल 112 में कॉल कर पुलिस को बुला लिया। पुलिस पहुंची तो ग्रामीणों ने उसके बारे में बताया फिर पुलिस गौरव को बेलगहना चौकी लेकर गई।
यहां पुलिस उससे बच्चे के बारे में पूछताछ शुरू की तो बताया कि वह अपने गांव कैथा में छोड़कर आया है। पुलिस उसे लेकर गई तो वहां नहीं मिला। यहां बताया कि उसने मासूम की गला घोंटकर हत्या कर लाश को जंगल में फेंक दिया है।