खेल डेस्क -भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को रोमांचक मुकाबले में हराते हुए इतिहास रच दिया। टीम इंडिया ने बारबोडोस के स्टेडियम में 17 साल बाद विश्व कप की ट्रॉफी पर कब्जा किया और रोहित सेना को विजय मुकुट हासिल हुआ संघर्षों से गुजरकर,
आज जश्न का दिन है। रोहित सेना ने बारबाडोस की धरती पर झंडा गाड़ दिया। फहरा दिया तिरंगा।17 साल बाद भारत टी20 विश्व कप में विश्व विजेता बना है। आखिरी ओवर की आखिरी गेंद तक चले रोमांचक की पराकाष्ठा वाले मुकाबले में टीम इंडिया ने वो कर दिखाया, जिसका सपना 140 करोड़ भारतीयों ने दखा था। भारतीय टीम 2007 में एमएस धोनी की कप्तानी में चैंपियन बनी थी। उसके बाद से न जाने किसकी नजर लग गई थी, लेकिन इस बार 2023 में टूटे दिलों को फिर जोड़ दिया। वो करिश्मा कर दिया, जिसकी जरूरत थी। जैसे ही भारत विश्व विजेता बना यहं भारत में आकाश आतिशबाजियों से रंग गया।
साउथ अफ्रीका मैच में आगे चल रहा था, लेकिन…
बैटिंग पिच 177 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीकी टीम की शुरुआत उम्मीद के मुताबिक नहीं रही। उसे हेंड्रिक्स के रूप में पहला झटका लगा, जिसे जसप्रीत बुमराह ने अपने अंदाज में 4 रन पर बोल्ड किया। इसके बाद कप्तान एडेन मार्करम को अर्शदीप सिंह ने पंत के हाथों 4 रनों के निजी स्कोर पर लपकवाया। हालांकि, यहां से स्टब्स ने 21 गेंदों में 31 रन की पारी खेलकर टीम को 70 रनों तक पहुंचा दिया। उन्होंने अक्षर पटेल की गेंद पर बोल्ड होने से पहले 3 चौके और एक छक्का मारा।
आखिरी 3 ओवरों में पलट गया मैच, विश्व विजेता बना भारत
लंबे समय से मैदान पर अड़े क्विंटन डि कॉक को 39 रनों के निजी स्कोर पर अर्शदीप सिंह ने चलता किया, लेकिन इसके बाद जो तूफान आया तो उसे रोक पाना मुश्किल हो गया। हेनरिक्स क्लासेन ने अक्षर पटेल और कुलदीप यादव को जमकर निशाना बनाया और सिर्फ 23 गेंदों में 2 चौके और 5 छक्के उड़ाते हुए हाफ सेंचुरी पूरी कर डाली। हालांकि, 17वें ओवर में हार्दिक पंड्या ने क्लासेन को आउट कराते हुए मैच में जान डाल दी। इसके बाद अर्शदीप ने कमाल किया तो आखिरी ओवर में हार्दिक पंड्या की गेंद पर सूर्या ने डेविड मिलर का करिश्माई कैच लपका, जो शायद क्रिकेट इतिहास का सबसे मुश्किल कैच है। उपकप्तान हार्दिक ने आखिरी ओवरों में 16 रन बचाते हुए भारत को जीत दिला दी।
पावरप्ले में भारत के 3 बड़े बल्लेबाजों ने घुटने टेक दिए
पावरप्ले में मिले शुरुआती झटकों से उबरते हुए विराट कोहली और अक्षर पटेल ने भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 7 विकेट पर 176 रन तक पहुंचाया। भारत ने एक समय पांचवें ओवर में तीन विकेट सिर्फ 34 रन पर गंवा दिए थे। इसके बाद अक्षर (31 गेंद में 47 रन) और कोहली (59 गेंद में 76 रन) ने टीम को संकट से निकाला। दोनों ने चौथे विकेट के लिये 54 गेंद में 72 रन की साझेदारी की। अक्षर दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से रन आउट हो गए। बीच के ओवरों में कोहली धीमे पड़े और अपना अर्धशतक उन्होंने 48 गेंदों में पूरा किया।
भारतीय मूल के ही केशव महाराज ने किया पहला शिकार
इससे पहले रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया। पिछले दो मैचों में शानदार प्रदर्शन करने वाले भारतीय कप्तान को दूसरे ही ओवर में केशव महाराज ने पवेलियन भेजा। स्वीप शॉट खेलने के प्रयास में वह स्क्वेयर लेग पर कैच दे बैठे। उनके बाद आए ऋषभ पंत भी इसी अंदाज में आउट हुए। रोहित की ही तरह शानदार फॉर्म में चल रहे सूर्यकुमार यादव के आउट होने से भारत को हरारा झटका लगा। उन्हें कागिसो रबाडा ने फाइन लेग पर कैच आउट कराया। भारत ने पावरप्ले के भीतर ही तीन विकेट गंवा दिए।
18वें ओवर में विराट के बल्ले से निकला पहला छक्का, बेहद धीमी पारी
छह ओवर के बाद भारत का स्कोर तीन विकेट पर 45 रन था। दूसरे छोर से विकेटों का पतन देख रहे कोहली ने बीच के ओवरों में संभलकर खेला। उन्होंने पहले ही ओवर में हालांकि मार्को यानसेन को तीन चौके लगाए थे। कोहली ने अपनी पारी का पहला छक्का रबाडा को 18वें ओवर में लगाया। दूसरे छोर से अक्षर ने अपने टी20 करियर की सबसे उपयोगी पारी खेलते हुए दक्षिण अफ्रीका के स्पिनरों को अच्छे स्ट्रोक्स लगाए। उन्होंने एडेन मार्करम, महाराज और तबरेज शम्सी को एक एक छक्का लगाया।
इसके अलावा रबाडा को भी गगनभेदी छक्का जड़ा। भारत ने सातवें से 15वें ओवर के बीच में 72 रन बनाए और अक्षर का विकेट गंवाया। रबाडा की उछलती गेंद पर कोहली एक रन लेना चाहते थे लेकिन गेंद विकेटकीपर क्विंटन डि कॉक के पास गई और दूसरे छोर से अक्षर काफी आगे आ चुके थे। डिकॉक ने गिल्लियां बिखेरने में देर नहीं की। शिवम दुबे ने 17 गेंद में 27 रन बनाए। कोहली ने आखिरी पांच ओवर में दो छक्के जड़े। भारत ने आखिरी पांच ओवर में 58 रन बनाए और तीन विकेट गंवाए।