दुर्ग -मंत्रालय में नौकरी लगाने के नाम पर लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने वाले पति-पत्नी और उनके दो और साथियों को नेवई थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये आरोपी पढ़े लिखे लोगों को नौकरी का झांसा देकर ठगी का काम करते थे।इन आरोपियों ने कई लोगों को ठगी का शिकार बनाया है, पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पुलिस ने बताया कि प्रहलाद सिंह सिकरवार के द्वारा नेवई थाना में शिकायत दर्ज कराई थी कि अनीता सिंह और उसके पति नरेंद्र सिंह के द्वारा मंत्रालय में नौकरी लगने के नाम परउनसे 4 लाख 25 हजार रुपए लिए है ,लेकिन उन्हें नौकरी नहीं दिलाई गई .. जब उनसे प्रार्थी ने नौकरी के संबंध में उनके साथ बात करने का प्रयास किया तो उसे नौकरी दिलाने की बजाय धामकी चमकी देने लगे। पैसे वापस मांगने पर भी उनके द्वारा साफ इनकार कर दिया उसके बाद प्रार्थी ने आकर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई ,,
इसी तरह एक अन्य युवक से भी मंत्रालय में पियून के पद पर नौकरी लगने के नाम पर1लाख 70 हजार अलग-अलग किस्तों और फोन के माध्यम से ले लिया। बावजूद आरोपियों ने नौकरी नहीं लगाई और ना ही रकम को वापस किया। बताया जाता है कि आरोपी नरेंद्र सिंह अपनी पत्नी अनीता सिंह और दो साथियों के माध्यम से बेरोजगार लोगों को निशाना बनाते थे। ये पहले बेरोजगारों से मिलकर उन्हें नौकरी का झांसा देते थे । उसके बाद ये लोग उन लोगों को नरेंद्र सिंह से मिलाते थे..और नौकरी के नाम पर किस्तों में पैसे देने की बात कह कर एडवांस ले लेते थे। ठगों के इस गिरोह ने अभी तक कई लोगों को ठगा जा चुका है। लेकिन पुलिस में दो लोगों ने ही इनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
शिकायत के बाद पुलिस आरोपियों को तलाशती रही सबसे पहले मुख्य आरोपी नरेंद्र सिंह को पुलिस ने पकड़ा. उसके बाद उसकी पत्नी अनीता और गिरोह में शामिल गिरीश यादव और भूपेश कुमार सोनवानी को भी गिरफ्तार किया गया। आरोपियों ने पुलिस के सामने इस बात को कबूला है कि उनके द्वारा लोगों से धोखाधड़ी कर पैसे लिए हैं। पुलिस ने चारों आरोपियों को जेल भेज दिया है।