बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की प्रक्रिया 14 नवंबर से शुरू हो गई है। धान बेचने को लेकर किसानों को इस बार थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। पिछले साल की तुलना में इस साल धान खरीदी को लेकर सख्ती बढ़ा दी गई है। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में समिति संचालकों ने बताया कि किसानों से साफ और सूखी हुई धान ही खरीदी जाएगी। मिलावटी या नमीयुक्त धान को स्वीकार नहीं किया जाएगा। संचालकों का कहना है कि कई बार कुछ किसान बिना साफ की हुई धान को बेचने के लिए पहुंच जाते हैं। अनाज में गुणवत्ता नहीं होने पर उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।
धान सूखने पर लगता है गड़बड़ी का आरोप
समितियों संचालकों के अनुसार, खेत से मंडी तक आने तक धान में करीब 17 प्रतिशत की खुखत होती है। ऐसे में अगर किसान नमीयुक्त धान बेचने के लिए लाते हैं तो उसमें करीब 1 फीसदी सूखत निकलता है। एक प्रतिशत सूखत का मतलब होता है कि करीब साढे सात सौ ग्राम धान कम हो जाती है। धान खरीदी में सुखत की स्थिति में कई बार गड़बड़ी करने के आरोप लगते हैं। ऐसे में किसानों से केवल सूखी हुई धान ही ली जाएगी।
समिति संचालकों का कहना है कि पिछली बार तो गड़बड़ी की आशंका को लेकर सरकार की तरफ से एफआइआर करने का निर्देश दिया गया था। संचालकों ने कहा कि सरकार धान का उठाव करने से पहले सुखत की जांच करें। इससे खरीदी व उठाव के दौरान धान तौल में कितना अंतर आता है यह भी स्पष्ट हो जाएगा।
किसानों के लिए टोकन व्यवस्था
किसानों को धान खरीदी केन्द्र में किसी भी तरह की मुश्किलें नहीं हो इसके लिए विशेष इंतजाम किए हैं। इस साल छोटे किसानों को धान बेचने के लिए केवल दो टोकन दिए जाएंगे। वहीं, बड़े किसानों को तीन टोकन दिए जाएंगे। किसानों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि टोकन केवल एक सप्ताह के लिए ही वैध होंगे। टोकन कटने के बाद किसान को एक सप्ताह के अंदर अपनी धान खरीदी केंद्र में लेकर पहुंचना होगा।
किसानों को 72 घंटे में होगा पेमेंट
धान खरीदी की शुरुआत सीएम विष्णुदेव साय ने की है। सीएम ने धान खरीदी को लेकर कहा था कि किसानों का एक-एक दाना खरीदा जाएगा। इसके साथ ही सीएम ने कहा कि धान बेचने के बाद हम 72 घंटे में किसानों के पेमेंट की व्यवस्था करेंगे। बता दें कि छत्तीसगढ़ में धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल है।