Friday, November 22, 2024
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कवर्धा में एक ही चिता पर 17 शव एक साथ जलते देख ;लोगो की आंखें हुईं नम:सड़क हादसे में मौत

छत्तीसगढ़ के कवर्धा में हुए हादसे में मारे गए 19 लोगों के शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। 17 लोगों का अंतिम संस्कार तो एक ही चिता में किया गया। इसमें एक ही परिवार के एक ही परिवार के 11 लोगों की चिताएं एक साथ जलते देख सभी की आंखें नम हो गईं इस दौरान माहौल बेहद गमगीन हो गया । दो महिलाओं के शवों का अंतिम संस्कार उनकी ससुराल में किया गया।।

हादसे में मृतकों के परिजन को प्रदेश सरकार 5-5 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार का मुआवजा देगी। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने की। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में सरकार मृतकों के परिजनों के साथ है। घायलों को इलाज की अच्छी सुविधा मिले, यह हम देख रहे हैं।

एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत

मरने वालों में एक ही परिवार के 11 लोग थे, एक साथ जलाई गई 17 लोगों की चिता में 11 लोग एक ही परिवार के थे। परिवार के एक सदस्य रतन सिंह ने बताया कि तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए रोज जाते थे, कभी बाइक से तो कभी फोर व्हीलर से जाते थे। जो गाड़ी चलाता था, उसे ज्यादा अनुभव नहीं था।

दरअसल, 20 मई को तेज रफ्तार पिकअप पलटकर 20 फीट गहरे गड्ढे में गिर गया था। हादसे में 19 लोगों की मौत हो गई, 7 से ज्यादा लोग घायल हुए। हादसा कुकदूर थाना क्षेत्र के बाहपानी गांव के पास हुआ है। SP अभिषेक पल्लव के मुताबिक मरने वालों में 18 महिलाएं शामिल हैं। इनमें मां-बेटी सहित 3 बच्चियां भी हैं।

घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया। हादसे के दौरान पिकअप में 25 लोग सवार थे। सभी लोग तेंदूपत्ता तोड़कर गांव लौट रहे थे। हादसा इतना जबरदस्त था कि 13 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।

बिलखते घर वालों से मिले डिप्टी सीएम विजय शर्मा
रायपुर में अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर डिप्टी CM विजय शर्मा कवर्धा पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने पंडरिया जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना। इसके बाद वे हादसे में मरने वाले लोगों के गांव सेमरहा गए और उनके परिजन से मिले। सभी मृतक एक ही गांव के रहने वाले थे।

भूपेश बघेल बोले- बीमा योजना को सरकार ने बंद कर दिया है
अस्पताल में इलाज करवा रहे घायलों से मिलने प्रदेश के पूर्व CM भूपेश बघेल भी पहुंचे। वे मृतकों के गांव जाकर परिजन से भी मिले। उन्होंने कहा ये बेहद दुखद हादसा है। अस्पताल में सभी को अच्छा इलाज मिले, ये मैंने अधिकारियों से कहा है। शहीद महेंद्र कर्मा बीमा योजना तेंदूपत्ता श्रमिकों के लिए थी, जिसे सरकार ने बंद कर दिया है। हादसे का शिकार लोगों को अब सरकारी मुआवजा ही मिलेगा।

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