सेंट्रल डेस्क- जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने शुक्रवार को एक बयान में कहा है कि उन्हें दिल्ली में 17 मार्च को रामलीला मैदान में बैठने की अनुमति देने से दिल्ली पुलिस ने इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि नोटिस में कानून व्यवस्था बिगड़ने का हवाला दिया गया है.
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, “हमें बैठने से रोक कर आप हमारी आवाज को दबा नहीं सकते. यह आवाज सनातन धर्मियों की ओर से है. आपकी तरफ से हम सरकार और तमाम विपक्ष की पार्टियों से पूछ रहे हैं. सही कर रहे हैं या गलत. ये आपको बताना है? यह हर सनातन धर्मियों की आवाज है, हम तो केवल स्वर दे रहे हैं. अगर इस आवाज को कोई पार्टी या फिर सरकार समझती है कि दबा ले जाएंगे. यह आवाज दबेगा नहीं. क्योंकि गाय की भक्ति हम हिंदुओं के खून में है. इसलिए जितनी जल्दी हो इस बारे में समझ के आप आगे बढ़िए. इसी में हम सब का कल्याण है. हम अपनी बात किसी राजनीतिक उद्देश्य से नहीं कह रहे हैं.”
जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, “हम अपने हर सवाल के बारे में पूछेंगे हमारी लड़ाई जारी रहेगी. आप हमको अनुमति रामलीला मैदान की नहीं दोगे तो कृष्ण लीला मैदान में बैठ जाएंगे. जहां बैठेंगे वहीं से देश के सवा सौ करोड़ सनातन धर्म की आवाज उठाते रहेंगे.”
बता दें, बीते दिनों पहले जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में कहा था, “जनता की मांग पर जनता के पक्ष में आवाज उठाते हुए हम आगे आए हैं. हमने कुंभ से सभी राजनीतिक दलों से प्रश्न पूछा है. सभी राजनीतिक दलों को समय दिया गया था. 17 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में शाम 5 बजे तक बैठकर हम औपचारिक रूप से तमाम राजनीतिक दलों की प्रतीक्षा करेंगे. राजनीतिक दल या तो हमें बताएंगे कि वह गो हत्या के पक्ष में है या फिर विरोध में है या फिर चुप रह के यह जाहिर करेंगे कि जो पीछे 78 सालों से चला आया है आगे भी जारी रहेगा. 17 मार्च 2025 को स्पष्ट हो जाएगा कि राजनीतिक दलों के मन में क्या है. जो की राजनीतिक दलों का X Ray होगा.”