सुप्रीम कोर्ट ने अधिवक्ता गौरव अग्रवाल से इस मुद्दे पर कोर्ट की सहायता करने का निर्देश दिया. वकील गौरव अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट ने जेलों में भीड़भाड़ से निपटने की मांग वाली एक जनहित याचिका मे भी कोर्ट की सहायता के लिए कानूनी सलाहकार नियुक्त किया है.
देशभर की जेलों में महिला कैदियों के गर्भवती होने की खबरों पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय करोल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाते हुए स्वतः संज्ञान लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से इस मामले पर तुरंत कार्रवाई का आदेश दिया है. गुरुवार 8 फरवरी को पश्चिम बंगाल की जेलों में महिला कैदियों के गर्भवती होने का मुद्दा हाईकोर्ट में उठाया गया था.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को इस मामले को आपराधिक मुकदमों की सुनवाई करने वाली खंडपीठ को स्थानांतरित करने का आदेश दिया. इसमें कोर्ट द्वारा नियुक्त एमाइकस क्यूरे (न्याय मित्र) ने दावा किया था कि पश्चिम बंगाल के सुधार गृहों में बंद कुछ महिला कैदी गर्भवती हो रही हैं. इसलिए 196 बच्चे इस तरह केविभिन्न सुधार गृहों में रह रहे हैं.
आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अधिवक्ता गौरव अग्रवाल से इस मुद्दे पर कोर्ट की सहायता करने का निर्देश दिया. वकीलगौरव अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट ने जेलों में भीड़भाड़ से निपटने की मांग वाली एक जनहित याचिका मे भी कोर्ट की सहायता के लिए कानूनी सलाहकार नियुक्त किया है.
जेलों में महिला कैदियों के गर्भवती होने की खबर पर सुप्रीम कोर्ट का रुख संवेदनशील और सख्त है. सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की जेलों में महिला कैदियों के गर्भवती होने की खबरों पर एमिक्स क्यूरी से रिपोर्ट मांगी. पीठ ने अग्रवाल से कहा कि वो इस मुद्दे को देखे और इस पर रिपोर्ट दाखिल करें.