छत्तीसगढ़ के पवित्र तीर्थ राजिम में भगवान राम की 25 फीट ऊंची प्रतिमा लगी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को एक भव्य समारोह में इस प्रतिमा का अनावरण किया। राज्य सरकार के महत्वाकांक्षी राम वन गमन पर्यटन परिपथ योजना के तहत लगी भगवान राम की यह तीसरी प्रतिमा है।
राजिम पहुंचे सीएम भूपेश ने पत्रकारों से भी चर्चा की। उन्होंने राजभवन में अटके बिल को लेकर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं फिर राज्यपाल से निवेदन कर रहा हूं। वो बिल में हस्ताक्षर कर दें। बिल रोकने की वजह से युवाओं का नुकसान हो रहा है। उन्होंने रमन सिंह के बयन पर पलटवार करते हुए कहा कि सबसे ज्यादा चर्चा तो उनके समय में चर्च बने हैं। मेरे पास सूची है। अब वो हम पर आरोप लगा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भाजपा के राम युद्धक और हनुमान आक्रमक नजर आते है। जबकि हमारे राम वनवासी हैं, वो छत्तीसगढ़ियों के भांचा राम हैं, शबरी के राम है, कौशल्या के राम हैं। भाजपा राम के नाम पर राजनीति करती है, भाजपा राम के बताए मार्ग की बजाए वोट बैंक के रूप में राम के नाम का इस्तेमाल करती है। हम राम के नाम पर राजनीति नहीं करते हैं।
वहीं पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया, भगवान राम की इस मूर्ति को पांच महीने की अल्पावधि में तैयार किया गया है। इस भव्य मूर्ति को तैयार करने में ओडिशा के 20 शिल्पकारों ने मुख्य भूमिका निभाई है। इसे हाथ से तराश कर छत्तीसगढ़ के बिल्हा स्टोन से निर्मित किया गया है। मूर्ति को आठ फीट ऊंचे चबूतरे पर स्थापित किया गया है। सरकार की राम वनगमन पर्यटन परिपथ योजना में त्रिवेणी संगम राजिम भी शामिल है। यहां पर विकास के लिए राज्य सरकार ने 13 करोड़ 12 लाख रुपए की स्वीकृति दी है। इससे पहले कौशल्या माता मंदिर चंदखुरी और शिवरीनारायण में भगवान राम की इस तरह की प्रतिमा स्थापित की जा चुकी है।
राजीव लोचन मंदिर में पूजा-अर्चना भी की
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजिम पहुंचकर श्री राजीव लोचन मंदिर में पूजा-अर्चना की। बाद में भगवान राम की प्रतिमा का अनावरण किया। राजिम-चौबेबांधा-नवागांव मार्ग चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण और 3.7 किलोमीटर लंबे लक्ष्मण झूला पहुंच मार्ग का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष चित्ररेखा साहू, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राम सुंदर दास और क्षेत्रीय विधायक अमितेश शुक्ला मौजूद रहे।
रमन सिंह ने ये कहा था
दरअसल नारायणपुर में धर्मांतरण को लेकर हुए बवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा था कि नारायणपुर में आदिवासियों पर प्रशासन द्वारा बर्बरता पूर्वक अत्याचार किया जा रहा है। आदिवासियों को जबरदस्ती जेलों में डाल दिया गया है। राज्य सरकार के चलते धर्मांतरण हो रहा है। इसी बयान पर अब सीएम ने पलटवार किया है।
CM ने राज्यपाल को याद दिलाई संवैधानिक मर्यादा
राज्यपाल अनुसूईया उइके अपनी भूमिका का विस्तार कर रही हैं। राज्यपाल ने अब जिलों का दौरा कर समस्याएं सुनने की घोषणा की है। इसकी वजह से सरकार और राजभवन के बीच टकराव गंभीर होता जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यपाल को संवैधानिक मर्यादाओं की याद दिलाते हुए बड़ा हमला बोला।
गरियाबंद के सिरकिट्टी रवाना होने से पहले रायपुर हेलीपैड पर पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, संविधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को अपने अधिकार और कर्त्तव्य का ध्यान रखना चाहिए। उसका अतिक्रमण नहीं करना चाहिए। अभी राज्यपाल जी ने अतिक्रमण किया। राज्य सरकार से 10 सवाल पूछ रही हैं। यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। विधानसभा से जो बिल पारित हुआ है। उस पर हस्ताक्षर करना चाहिए अथवा वापस लौटाना चाहिए। कर्नाटक में अभी 61% आरक्षण की बात सुनाई दे रही है। 56% तो पहले था अभी 61% करने वाले हैं। वहां राज्यपाल दस्तखत कर रहे हैं, यहां राज्यपाल राजनीति कर रही हैं। राजभवन के माध्यम से राजनीति कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के दौरे से जुड़े सवाल पर कहा, अब आप दौरा करेंगी। समस्याओं का निदान करेंगी। मंत्रिमंडल आपको सलाह देने के लिए है। आपके पास कोई समस्या आती है, कोई जानकारी आती है तो उसे आप सरकार को सौंप दें। सरकार से जानकारी लें। यह उनका कार्य है। वे फील्ड में जाकर सीधा काम नहीं करेंगी। उसको यहां मनोनीत किया गया है, वह निर्वाचित नहीं है