Friday, December 27, 2024
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Chhattisgarh: भूपेश बघेल से जुड़े ईडी केस में क्यों हुआ शगुन के लिफाफे खाली करने का जिक्र, कौन है मजबूर?

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम ईडी के जिस महादेव एप केस में लिया जा रहा है, कांग्रेस पार्टी ने उसका जोरदार तरीके से खंडन किया है। कांग्रेस ने सबूतों सहित कहा है कि छत्तीसगढ़ में इस एप के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही थी। महादेव एप के खिलाफ 70 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस ने 450 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है, 191 लैपटॉप, 865 मोबाइल डिवाइस और 1.5 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की हैं। इतना ही नहीं इस केस में 41 लाख रुपये से अधिक की नकदी और 16 करोड़ रुपये के अनुमानित मूल्य के बैंक खातों को भी जब्त किया है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने पहला मामला 30 मार्च 2022 को दर्ज किया था। अब कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में ‘शगुन’ के लिफाफे खाली करने का जिक्र किया है। साथ ही यह आरोप भी लगाया है कि ये एक व्यक्ति को ‘मजबूर’ कर मुख्यमंत्री पर हाथ डालने की तैयारी है।

भाजपा ने शुरू की बघेल की जबरदस्त घेराबंदी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा था कि महादेव सट्टेबाजी एप के प्रवर्तकों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये दिए हैं। ईडी की गिरफ्त में आए असीम दास ने यह बात स्वीकार की है। इसके बाद भाजपा ने इस मामले में कांग्रेस और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की जबरदस्त घेराबंदी शुरू कर दी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने भी बघेल पर निशाना साधा। हालांकि इस मामले में सीएम बघेल ने ईडी के दावे पर पलटवार करते हुए कहा, किसी की इज्जत उछालना आसान है। मुख्यमंत्री के खिलाफ किसी को मारपीट कर ऐसा बुलवा दो। इससे बड़ा मजाक क्या होगा। इसके बाद कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय में एआईसीसी के महासचिव केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश और सीडब्ल्यूसी मेंबर अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेसवार्ता की।

महादेव एप के खिलाफ 70 से अधिक मामले दर्ज

कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने अपने बयान में कहा, महादेव एप केवल छत्तीसगढ़ में ही नहीं, बल्कि देश भर में चलाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य है, जिसने महादेव एप के खिलाफ जांच शुरू की है। गत वर्ष मार्च में पहला मामला दर्ज किया गया था। अभी तक इस एप के खिलाफ 70 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस ने 450 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। 191 लैपटॉप, 865 मोबाइल डिवाइस, 1.5 करोड़ से अधिक की संपत्ति और 41 लाख रुपये से अधिक की नकदी जब्त हुई है। इतना ही नहीं, छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस केस में 16 करोड़ रुपये के अनुमानित मूल्य के बैंक खाते भी जब्त किए हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस ने मध्यप्रदेश, ओडिशा, दिल्ली और अन्य राज्यों में छापेमारी की है। यह बात कही गई कि महादेव एप की स्थापना छत्तीसगढ़ में की गई थी। जांच से निष्कर्ष निकला कि महादेव एप की छत्तीसगढ़ में कोई शाखा या ऑपरेशन बेस नहीं है। पुलिस जांच में सामने आया कि एप के मास्टरमाइंड और किंगपिन, रवि उप्पल व सौरभ चंद्राकर, दुर्भाग्य से छत्तीसगढ़ के हैं। दोनों मुख्य आरोपी छत्तीसगढ़ से नहीं, बल्कि दुबई से इस एप का संचालन कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस ने इन दोनों के खिलाफ जुलाई 2023 में लुकआउट नोटिस जारी किया था।

शगुन के लिफाफे खाली कर दिए गए

कांग्रेस पार्टी का दावा है कि महादेव एप के खिलाफ सबसे पहले छत्तीसगढ़ पुलिस ने केस दर्ज किया था। ईडी द्वारा जांच प्रारंभ करने का आधार भी छत्तीसगढ़ पुलिस की जांच रही है। ईडी ने इस मामले की आपराधिक जांच को राजनीति से प्रेरित जांच में बदल दिया। नौकरशाहों, राजनेताओं और उनके करीबियों पर दबिश दी गई। इस केस में ईडी का मकसद था कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को बदनाम करना और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को निशाना बनाना। जिस महादेव एप के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार ने ठोस कार्रवाई की है, अब उसी पर एप को समर्थन और सुरक्षा देने का आरोप लगाया जा रहा है। भूपेश बघेल ने खुद 24 अगस्त को एआईसीसी, दिल्ली में प्रेस वार्ता कर महादेव एप पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। इसे संचालित करने वाले रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर के खिलाफ कार्रवाई की बात कही। इस केस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक पहुंचने के लिए उनके करीबियों को परेशान किया गया।

सीएम के राजनीतिक सलाहकार, विनोद वर्मा, दो ओएसडी मनीष बंछोर और आशीष वर्मा व करीबी दोस्त विजय भाटिया के घरों पर छापा मारा गया। ये छापे आधारहीन एवं राजनीति से प्रेरित थे। विनोद वर्मा के घर पर छापे के दौरान भुगतान का रिकॉर्ड और वैध चालान पेश करने के बावजूद आभूषण जब्त कर लिए गए। ईडी ने पर्स, बैग और यहां तक कि शगुन के लिफाफे खाली कर दिए। छोटी-मोटी नकदी जब्त कर ली गई। विजय भाटिया के घर पर छापा मारा, तो वह गंभीर रूप से बीमार थे। उनकी पत्नी, जो हृदय रोगी थीं, वे छापे के दौरान घर पर थीं। छापेमारी के दौरान उन पर हमला हुआ। ईडी ने छापेमारी जारी रखी और परिवार के सदस्यों की अनुपस्थिति में संपत्ति जब्त कर ली।

उसे कई नाम लेने के लिए ‘मजबूर’ किया गया

कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने कहा, ये मामला राजनीति से प्रेरित छापेमारी से जुड़ा है। ईडी ने जिस गिरफ्तार व्यक्ति के बयान के आधार पर सीएम के साथ इस मामले की कड़ियां जोड़ी हैं, उसी शख्स ने खुली अदालत में ईडी पर आरोप लगाया है कि उसे कई नाम लेने के लिए मजबूर किया गया है। ये सब मुख्यमंत्री बघेल को घेरने के लिए किया गया। विजय भाटिया की हालत खराब होने के कारण उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था, लेकिन ईडी को अधिपति के आदेश का पालन करना था, इसलिए उन्होंने भाटिया का बयान उनके अस्पताल के बिस्तर से दर्ज किया। छापों के बाद ईडी ने विनोद वर्मा के पूरे परिवार को बुलाया और उनके बयान दर्ज किए। छापे और अमानवीय व्यवहार के बावजूद जांच एजेंसी को बघेल और महादेव एप के बीच कोई खास संबंध नहीं मिला। ईडी ने कोर्ट में एक आरोप पत्र दाखिल कर कहा था कि इन सभी लोगों के पास से कोई आपत्तिजनक सबूत नहीं मिले हैं। ईडी की महादेव एप जांच राजनीति से प्रेरित है। ईडी का उद्देश्य जनता का पैसा बचाना नहीं है, उसका मकसद अपने बॉस को खुश करने के लिए राजनीतिक द्वेष से कार्य करना है। ईडी इस एप के मास्टरमाइंड लोगों को गिरफ्तार करने के बजाए विपक्ष के खिलाफ बिना सोचे-समझे कार्रवाई करती रहेगी। भाजपा का मकसद, ईडी की कार्रवाई के जरिए राजनीतिक लाभ लेना है।

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