छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के घर CBI ने आज सुबह छापेमारी की है। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाले की जांच के सिलसिले में की गई है। CBI की 5-10 सदस्यीय टीम यदुनंदन नगर स्थित राजेंद्र शुक्ला के पुराने आवास पर पहुंची है। वहीं दुर्ग में पूर्व गवर्नर सेक्रेटरी के अमृत खालको के घर पर भी छापेमारी की है।
दरअसल, PSC में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार की घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें नेताओं और अधिकारियों के रिश्तेदारों की भर्ती नियमों को दरकिनार करके की गई है। राज्य सरकार ने इस गंभीर मामले की जांच CBI को सौंपी है।राजेंद्र शुक्ला के बेटे स्वर्णिम शुक्ला का नाम भी इस घोटाले में उछल चुका है। स्वर्णिम शुक्ला वर्तमान में डिप्टी कलेक्टर में चयन हुआ था। इसके बाद आदिम जाति कल्याण विभाग में डिप्टी डायरेक्टर का पद मिला है। मामले की जांच के दौरान CBI ने स्वर्णिम के नाम को लेकर भी सवाल उठाए हैं।
बताया जा रहा है कि PSC फर्जीवाड़ा से संबंधित FIR की जांच की जा रही है। इसी को लेकर CBI की टीम हाईटेक बस स्टैंड के पास स्थित नए मकान में भी टीम पहुंची है। जहां राजेंद्र शुक्ला के घर में PSC घोटाले के मामले में पूछताछ कर रही है।
दुर्ग जिले में भी पूर्व गवर्नर सेक्रेटरी के घर छापा
दुर्ग जिले में भी PSC घोटाला मामले में CBI की टीम पूर्व गवर्नर सेक्रेटरी अमृत खालको के घर छापेमारी की है। तलपुरी ए ब्लॉक सहित कृष्ण टॉकीज रोड में स्थित एक अपार्टमेंट में भी अमृत खालको का मकान है, वहां भी टीम ने दबिश दी है।
अमृत खाल की बेटी नेहा और बेटे निखिल दोनों का एक साथ CGPSC में चयन हुआ था। नेहा 13वीं और निखिल 17वीं रैंक हासिल की थी। फिलहाल परिवार भिलाई थाना क्षेत्र में तालपुरी के ए ब्लॉक में खलको परिवार रहता है। टीम अमृत खालको और परिवार से पूछताछ कर रही है
बालोद जिले के अर्जुंदा थाने में दर्ज है FIR
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की भर्ती में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में बालोद जिले के अर्जुंदा थाने में FIR दर्ज की गई है। जिसमें तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, सचिव, परीक्षा नियंत्रक समेत अधिकारियों और नेताओं का नाम शामिल है। पुलिस 2019 के बाद जितनी भी भर्ती परीक्षाएं हुईं हैं, उन सभी की जांच करेगी।
दावा किया जा रहा है कि जल्द ही पूर्व चेयरमैन सोनवानी सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। इससे पहले इस मामले में ईओडब्ल्यू केस दर्ज कर चुकी है। साथ ही सरकार ने सीबीआई की जांच की अनुशंसा की है।