रायपुर। झीरम हमले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, 25 मई को झीरम हमले की बरसी है। इस घटना को 10 साल बीत गए। अब तक सच बाहर नहीं आया। पीडि़त परिवारों को न्याय नहीं मिलने का अफसोस है। यह हमारे लिए भावनात्मक मामला है। पीडि़त परिवार को न्याय मिलना चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष डा चरणदास महंत ने कहा कि 25 मई का दिन हर साल एक भीषण खूनी हत्या को याद दिलाता है। देश के सबसे बड़े आंतरिक हमलों में से एक झीरम हत्याकांड है। इस हमले में जान गंवाने वालों की स्मृतियां और सार्वजनिक जीवन में किए गए जनहित कार्यों को प्रदेश भूला नहीं सकता। झीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर नक्सलियों ने हमला किया था, जिसमें तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल सहित 32 लोगों की मौत हुई थी।
झीरम घाटी नक्सली हमले की दसवीं बरसी में गुरुवार को प्रदेश के सभी शासकीय और अर्धशासकीय कार्यालयों में झीरम श्रद्धांजलि दिवस मनाया जाएगा। दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी जाएगी तथा राज्य को पुन: शांति का टापू बनाने के लिए शपथ ली जाएगी। झीरम की बरसी में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जगदलपुर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शामिल होंगे।