कवासी लखमा छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं। वह कोंटा विधानसभा सीट से विधायक हैं और भूपेश बघेल की सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
- कवासी लखमा ने राहुल गांधी फैसले को बताया सही
- कहा- अयोध्या नहीं जा जा कर सही फैसला किया
- कांग्रेस ने राम मंदिर का निमंत्रण नहीं किया था स्वीकार
- छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय का पलटवार
- रायपुर: छत्तीसगढ़ में राम मंदिर का लेकर एक बार फिर से सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस ने निमंत्रण ठुकराने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के नेता आमने-सामने आ गए हैं। दरअसल, कांग्रेस के कद्दावर नेता और राज्य के पूर्व मंत्री कवासी लखमा के बयान के बाद यह पूरा मामला उठा है। कांग्रेस के निमंत्रण ठुकराने के फैसले को कवासी लखमा ने सही ठहराया है। वहीं, कवासी लखमा के बयान पर सीएम विष्णुदेव साय ने पलटवार किया है।
क्या कहा था कवासी लखमा ने
भूपेश बघेल सरकार में मंत्री रहे कवासी लखमा ने कहा कि राहुल गांधी ने राम मंदिर का निमंत्रण स्वीकार नहीं करके सही किया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के पाप को कांग्रेस क्यों उठाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राम मंदिर से लेकर संसद तक से पानी टपक रहा है। हर जगह भ्रष्टाचार है। सुकमा से लेकर दिल्ली तक भ्रष्टाचार की सरकार है। बता दें कि कवासी लखमा सुकमा जिले के कोंटा विधानसभा सीट से विधायक हैं।
लोकसभा चुनाव हार गए हैं लखमा
कवासी लखमा को इस बार कांग्रेस ने बस्तर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था। बस्तर लोकसभा सीट से उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। कांग्रेस 11 लोकसभा सीटों में केवल एक सीट ही जीत पाई है।
22 जनवरी को हुआ था राम मंदिर का शुभारंभ
बता दें कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का शुभारंभ 22 जनवरी 2024 को हुआ था। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कांग्रेस को भी न्यौता भेजा गया था लेकिन कांग्रेस ने इसे ठुकरा दिया था।
सीएम ने किया पलटवार
कवासी लखमा के बयान पर छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने पलटवार किया है। शुक्रवार को मीडिया से चर्चा करते हुए सीएम साय ने कहा कि- कांग्रेस को राम मंदिर का निमंत्रण नहीं ठुकराना चाहिए था। कांग्रेस ने राम मंदिर का निमंत्रण अस्वीकार कर बड़ा पाप किया है। किसी को भी यह निमंत्रण नहीं ठुकराना चाहिए। उन्होंने कहा, “किसी भी कार्यक्रम में जाना किसी की निजी राय है। हम उसे बाध्य नहीं कर सकते, लेकिन कांग्रेस को यह बात समझनी होगी कि उसने राम मंदिर का निमंत्रण ठुकरा कर उचित नहीं किया। कांग्रेस ने ऐसा कर बड़ा पाप किया है, जिसका खामियाजा उसे भुगतना होगा।”