छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले सस्ता सिलेंडर देने की चर्चा सियासी गलियारों में चल रही थी। कहा जा रहा था कि, अगस्त से सरकार प्रदेश में गैस सिलेंडर को 500 रुपए करने की तैयारी में है। लेकिन इन तमाम चर्चाओं को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, राजस्थान में कांग्रेस ने 500 रुपए में सिलेंडर दिया है और अब यहां कुछ तो घोषणा के लिए रखना पड़ेगा।
अगर सभी काम अभी किए जाएंगे तो घोषणा के लिए क्या बचेगा। उन्होंने कहा, जब हमारी घोषणा पत्र समिति बनेगी, तब उसमें सभी बातें होंगी, और फिर तय होगा कि क्या करना है। हालांकि इससे पहले राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन ने भी प्रदेश में 500 रुपए में सिलेंडर देने की बात कही थी।
पीएम के दौरे से पहले अमित शाह 2 दिन तक छत्तीसगढ़ में रहेंगे, इसको लेकर भूपेश बघेल ने कहा कि, वह संगठन के काम से आ रहे हैं या सरकारी दौरा है। इसका प्रोटोकोल नहीं आया है। मीडिया के माध्यम से पता चला है कि यह संगठन के लिए है और अमित शाह 2 दिन दे रहे हैं। इसका मतलब है छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी का संगठन खत्म है। तभी वे 2 दिन की बैठक कर रहे हैं।
महाराष्ट्र की सियासी उठापटक को लेकर भूपेश बघेल ने कहा कि, सेंट्रल एजेंसी के माध्यम से पहले शिवसेना को तोड़ा गया। शिवसेना में आधा दर्जन से ज्यादा नेता थे। जिनके खिलाफ सेंट्रल एजेंसी जांच कर रही थी। सारे लोग गए अब उनकी जांच बंद हो गई। कुछ दिन पहले ही एनसीपी के नेता के यहां छापा पड़ा था। अब वे जैसे ही एनसीपी छोड़कर आए मंत्रिमंडल में उन्हें स्थान मिल गया। शपथ लेते ही उनका भी पाप धुल गया। ऐसी लंबी लिस्ट है।
बंगाल,असम, महाराष्ट्र जितने नेताओं के नाम गिन लीजिए वे सारे नेता पहले भाजपा के टारगेट में थे। रोज उसके खिलाफ बयान होता था लेकिन जैसे ही भाजपा में गए सब वाशिंग मशीन में धुलकर चकाचक हो गए। कोई कार्रवाई नहीं हुई और अब कोई मुख्यमंत्री बना है, कोई राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना है और कोई मंत्री बना है। इस तरह से सेंट्रल एजेंसी के माध्यम से लोकतंत्र का गला घोटा जा रहा है।
आप की रैली में मुफ्त बिजली की बात हुई ?
भूपेश बघेल ने कहा, आप बताइए जब पूरे दिल्ली में बिजली फ्री है तब अभी दिल्ली में कुछ दिन पहले ही बिजली का रेट 10% बढ़ा है। तो ये किसके लिए बढ़ाया गया। इसका सीधा मतलब यह है कि पूरे दिल्ली को बिजली फ्री नहीं मिल रही है। कुछ लोगों को ही मिल रही है, और यहां 42 लाख परिवारों को हम 3700 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी दे चुके हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री कह रहे थे कि, 8 घंटा बिजली दे रहे हैं। यहां तो 24 घंटे बिजली पहले से है। लेकिन अब उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ी है। रमन सिंह के समय में अधिकतम खपत 4000 मेगा वाट था। अभी 5400 मेगावाट की डिमांड है।