रायपुरछत्तीसगढ़ विधानसभा में धर्मांतरण को लेकर जमकर हंगामा हुआ। बीजेपी विधायक के सवाल पर राज्य सरकार के गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि धर्मांतरण के खिलाफ हम सख्त कानून लेकर आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान सोमवार को सदन में विदेशी फंडिंग के जरिए धर्मांतरण का मामला उठा। बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि कई एनजीओ प्रदेश में धर्मांतरण करा रहे हैं। इन्हें इसके लिए विदेशों से फंडिंग मिल रही है। शहरी क्षेत्रों में डेमोग्राफी बदल रही है, जो कि चिंता का विषय है।
अजय चंद्राकर के सवाल का जवाब देते हुए गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 153 एनजीओ को विदेशों से धनराशि मिल रही है। जबकि पहले इनकी संख्या 364 थी। 84 संस्थाओं की फंडिंग पर रोक लगाया गया है और 127 की वैधता समाप्त कर दी गई है। उन्होंने ऐलान किया कि प्रदेश में धर्मांतरण रोकने के लिए सरकार देश का सबसे सख्त कानून लाएगी।
गृह मंत्री शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार विदेशी फंडिंग की निगरानी करती है। अगर किसी संस्था को लेकर अतिरिक्त कोई शिकायत मिलती है तो राज्य सरकार भी इसकी जांच कर सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य की शिक्षण संस्थाओं को कई विभागों से 200-300 करोड़ रुपये का अनुदान मिलता है और सरकार पिछले तीन सालों में दिए गए अनुदानों का परीक्षण मतलब की ऑडिट कराने जा रही है।
इससे पहले प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष ने पीडब्ल्यूडी और डीएमएफ फंड का मुद्दा उठाया। नेता प्रतिपक्ष महंत ने कहा कि बिलासपुर के पीडबल्यूडी विभाग में मेंटेनेंस और विद्युतिकरण के नाम पर 100 करोड़ का भुगतान किया गया। महंत ने आरोप लगाया कि 40-50 हजार की एसी 3 से 4 लाख में खरीदे गए। नेता प्रतिपक्ष के सवाल का मंत्री ने जवाब दिया। सवाल का जवाब देते हुए डेप्युटी सीएम अरुण साव ने कहा- 9,156 जगहों पर मरम्मत कार्य किया गया। जिसमें 67 करोड़ रुपए खर्च हुआ है।
डेप्युटी सीएम अरुण साव ने कहा- समय-समय पर कर्मचारी जांच करते हैं। महंत के आरोप पर उन्होंने कहा है कि अगर कहीं गलत ढंग से भुगतान हुआ है तो इसकी जानकारी दे दें। उन्होंने जांच की भी बात कही।