मुंबई। शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का अध्यक्ष पद छोडऩे का ऐलान कर दिया। पवार ने कहा कि वो इस्तीफा देने जा रहे हैं। उन्होंने इसकी वजह नहीं बताई है। पवार ने 1999 में कांग्रेस से अलग होकर एनसीपी बनाई थी। उसके बाद से ही वे पार्टी के अध्यक्ष थे।
4 दिन पहले गुरुवार को शरद पवार ने कहा था कि रोटी पलटने का वक्त आ गया है। किसी ने मुझसे कहा कि रोटी सही समय पर पलटनी है। न पलटे तो कड़वी हो जाती है। इस बयान पर अजीत पवार ने कहा कि नए चेहरों को आगे लाना एनसीपी की परंपरा रही है। एनसीपी महाराष्ट्र के महा विकास अघाड़ी गठबंधन में सहयोगी है।
इधर अजित पवार ने कहा, शरद पवार की उम्र को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। वो सभी कार्यक्रमों में मौजूद रहेंगे। अध्यक्ष नहीं हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि वो पार्टी में नहीं हैं। आप भावुक ना हों। जो भी नया अध्यक्ष होगा, हम उसके साथ खड़े रहेंगे।पवार ने मुंबई के वाईबी चव्हाण सेंटर में मंगलवार को अपनी पॉलिटिकल बायोग्राफी लोक भूलभुलैया संगति का विमोचन किया।
एनसीपी की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, एनसीपी के देश में अभी 9 सांसद हैं। इनमें लोकसभा के 5 और राज्यसभा के 4 सदस्य शामिल हैं। वहीं, देशभर में पार्टी के 57 विधायक हैं। महाराष्ट्र में 54, केरल में 2 और गुजरात में 1 विधायक शामिल हैं। वहीं, देशभर में पार्टी के 20 लाख कार्यकर्ता हैं।
इस्तीफे में लिखा- लगातार यात्रा मेरी जिंदगी का हिस्सा-
शरद पवार ने इस्तीफे में लिखा, मेरे साथियों! मै एनसीपीके प्रेसिडेंट का पद छोड़ रहा हूं, लेकिन सामाजिक जीवन से रिटायर नहीं हो रहा हूं। लगातार यात्रा मेरी जिंदगी का अटूट हिस्सा बन गया है। मैं पब्लिक मीटिंग और कार्यक्रमों में शामिल होता रहूंगा। मैं पुणे, बारामती, मुंबई, दिल्ली या भारत के किसी भी हिस्से में रहूं, आप लोगों के लिए हमेशा की तरह उपलब्ध रहूंगा। लोगों की समस्याएं सुलझाने के लिए मैं हर वक्त काम करता रहूंगा। लोगों का प्यार और भरोसा मेरी सांसें हैं। जनता से मेरा कोई अलगाव नहीं हो रहा है। मैं आपके साथ था और आपके साथ आखिरी सांस तक रहूंगा। तो हम लोग मिलते रहेंगे। शुक्रिया।