छत्तीसगढ़ में शराबबंदी एक बड़ा सियासी मुद्दा है। पिछली बार सत्ता में आई कांग्रेस के लिए ये वादा सरकार बनाने के लिए नींव की तरह काम कर गया। मगर अब तक प्रदेश में शराबबंदी लागू हुई नहीं है। खासकर महिलाओं को इस मसले से तकलीफ है, भाजपा अब इस तकलीफ का मरहम अपने दावों के जरिए जनता के बीच पहुंचा रही है। कोशिश हो रही है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में महिलाओं को इस मुद्दे पर अपने साथ लाने की।
अब भाजपा की सरकार बनेगी तो प्रदेश में शराबबंदी शुरू हो सकती है। इसको लेकर डॉ रमन सिंह ने दैनिक भास्कर से बात-चीत में जानकारी दी। डॉ रमन से जब पूछा गया कि क्या भाजपा शराबबंदी करेगी तो उन्होंने कहा जब हम सत्ता में थे तो शराब दुकानों को बंद करने का काम किया था। पहले 500 की आबादी फिर, 1000 और फिर 2000 की आबादी वाले गांवों में दुकानें बंद की गई थीं। वैसे ही धीरे-धीरे दुकानें बंद की जाएंगी। डॉ रमन ने कहा पिछली सरकार ने नीति बनाकर शराबबंदी की शुरुआत कर दी थी और आने वाले समय में भाजपा की सरकार बनने के बाद उसी नीति का उपयोग किया जाएगा।
भाजपा के घोषणापत्र में होगा ये मुद्दा
शराबबंदी का वादा लेकर क्या जनता के बीच भाजपा जाएगी, क्या ये बात आने वाले चुनाव में भाजपा के घोषणा पत्र में होगी ? ये पूछने पर डॉ रमन ने कहा महिलाओं में इस मामले को लेकर आक्रोश है, हम क्षेत्रों में जा रहे हैं तो दिख रहा है कि कांग्रेस की वादाखिलाफी से महिलाएं नाराज हैं। डॉ रमन ने कहा- घोषणापत्र में शराबबंदी का हम जिक्र करेंगे, जैसे पहले दुकानों को बंद किया उसी कार्यप्रणाली का अनुसरण करेंगे।
गणेश शंकर मिश्रा ने दिया आइडिया
रिटायर्ड IAS अधिकारी गणेश शंकर मिश्रा, कभी आबकारी विभाग के आयुक्त थे। इन दिनों बतौर भाजपा नेता शराबबंदी के अभियान चला रहे हैं। भाजपा इस मामले में मिश्रा के आइडिया पर एक्शन प्लान तैयार कर सकती है। मिश्रा ने आबकारी विभाग में रहते हुए गांधी ग्राम, आदर्श ग्राम, सेनानी ग्राम, औषधि ग्राम जैसे चिह्नांकित गांवों से 400 शराब दुकानें बंद कर दी थीं। मुमकिन है कि शराबबंदी के मसले पर संगठन के नेता मिश्रा के साथ राय-शुमारी कर लोगों के बीच ये मुद्दा ले जाएंगे। एक दिन पहले शनिवार को मांढर में मिश्रा की अगुआई में 5 हजार से अधिक महिलाओं ने शराबबंदी काे लेकर संकल्प पत्र और ज्ञापन डॉ रमन को सौंपे थे।
सर्वे में उठी मांग बंद हो दुकानें
प्रयोग के तौर पर पूर्व IAS और प्रदेश भाजपा नेता गणेश शंकर मिश्रा ने धरसींवा इलाके में एक सर्वे करवाया। यहां घर-घर से महिलाओं ने एक फॉर्म पर अपनी तकलीफें लिखी जैसे पति नशे की हालत में मारपीट करता है, घर में शराब की वजह से आर्थिक संकट पैदा हुआ। इस तरह के 5000 से ज्यादा फॉर्म राज्यपाल को भेजे जाने की तैयारी है, ताकि प्रदेश में शराबबंदी की मांग की ओर उनका भी ध्यान आए। भाजपा ने आने वाले महीनों में इस मुद्दे पर प्रदेशभर में बड़े आंदोलनों की तैयारी शुरू कर दी है।