- प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा में अपने पहले भाषण में सरकार को जमकर घेरा
- संसद में संविधान पर चर्चा के दौरान प्रिंयका ने विपक्ष की तरफ से दिया पहला भाषण
- प्रियंका ने कहा कि देश डर से नहीं चलेगा, साहस से चलेगा, ये उठेगा और लड़ेगा
नई दिल्ली : संसद में संविधान पर बहस। लोकसभा में प्रियंका गांधी वाड्रा का पहला भाषण। विपक्ष की तरफ से बहस की शुरुआत। संसद में दिए अपने पहले ही भाषण में वाड्रा महफिल लूट ली गईं। विपक्षी सदस्यों ने भाषण के दौरान बार-बार मेजें थपथपाई। प्रियंका ने अपने भाषण में उन्नाव रेप केस का जिक्र किया। संभल हिंसा की बात की। उनके बहाने बीजेपी को घेरा। जाति जनगणना क्यों जरूरी है, उसके पक्ष में तर्क गिनाईं। चुनाव के दौरान पीएम मोदी के ‘मंगलसूत्र’ वाले बयान पर तंज भी कसा। सरकार पर एक खास व्यक्ति को देश के संसाधनों को देने का आरोप लगाया। मोदी सरकार की तरफ से विपक्षी नेताओं के कथित दमन का मुद्दा उठाया। कहा कि ये देश भय से नहीं चलेगा, साहस से ही चल सकता है। ये देश ‘कायरों के हाथों’ में ज्यादा देर तक कभी नहीं रहेगा, ये देश उठेगा, ये देश लड़ेगा।
प्रियंका गांधी ने कहा, ‘संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं है बल्कि नेहरू, राजगोपलचारी सबका एक विजन है। उस समय के तमाम नेता इस संविधान को बनाने के लिए सालों के लिए जुटे रहे। हमारा संविधान इंसाफ, उम्मीद और अभिव्यक्ति और आकांक्षा की वो ज्योति है जो हर हिंदुस्तानी के दिल में जगती है, इस ज्योति ने हर भारतीय को शक्ति दी कि उसे न्याय मिलने का अधिकार है। कि जब वो आवाज उठाएगा तो सत्ता को उसके सामने झुकना पड़ेगा। इस संविधान ने हर देशवासी को अधिकार दिया कि वो सरकार बना भी सकता है और गिरा भी सकती है।’
उन्होंने कहा, ‘उन्नाव में मैं एक रेप पीड़िता के घर में गई, उसे जलाकर मार डाला था वो शायद 20-21 साल की थी। जब वो अपनी लड़ाई लड़ने के लिए गई तो उसे जलाकर मार डाला गया। मैं उस बच्ची के पिता से मिली, उसके खेत जलाए गए थे उसके भाइयों को पीटा गया था, उसके पिता को घर से बाहर पीटकर मारा गया था. उस पिता ने बताया मुझे न्याय चाहिए। मेरी बेटी एफआईआर गई तो उसे मना किया गया वो रोज सुबह उठती और खुद मुकदमा लड़ने के लिए ट्रेन से जाती थी। लेकिन उसकी बेटी ने उसको जवाब दिया मैं अकेली जाऊंगी और लड़ूंगी। ये लड़ने की क्षमता उस लड़की को और करोड़ों भारत की नारियों को हमारे संविधान ने दिया।’
वाड्रा ने बीजेपी पर संविधान को लेकर पाखंड का आरोप आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘संविधान संविधान इसलिए कह रहे हैं ये क्योंकि इस चुनाव में ये पता चल गया कि इस चुनाव में हारते-हारते जीतने से ये पता चला कि इस संविधान में बदलाव की बात नहीं चलेगी। जाति जनगणना की मांग आज की जरूरत है। जाति जनगणना इसलिए जरूरी है कि किसकी क्या स्थिति और नीतियां उस हिसाब से बने। जब चुनाव में पूरे विपक्ष ने जोरदार आवाज उठाई, तो इनका जवाब देखिए, इनका जवाब भैंस चुरा लेंगे, मंगलसूत्र चुरा लेंगे। ये गंभीरता है इनकी जाति जनगणना पर।’
उन्होंने कहा, ‘हमारे संविधान ने आर्थिक न्याय की नींव डाली। किसानों, गरीबों को जमीन बांटी। भूमि सुधार किया। जिसका नाम लेने से कभी-कभी आप झिझकते हैं। और कभी कभी उनका नाम धड़ाधड़ इस्तेमाल किया जाता है, अपने आपको बचाने के लिए। उन्होंने HAL, BHEL, सेल, गेल, ONGC, NTPC, रेलवे, IITs, IIMs, ऑयल रिफाइनरी, तमाम पीएसयू बनाए। उनका नाम पुस्तकों से मिटाया जा सकता है, उनका नाम भाषणों से मिटाया जा सकता है लेकिन उनकी जो भूमिका रही इस देश की आजादी के लिए इस देश के निर्माण के लिए वो कभी नहीं हटाया जा सकता।’
अडानी का नाम लिए बिना प्रियंका गांधी वाड्रा ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। कहा, ‘सारी दौलत, सारे मौके, सारे बंदरगाह, एयरपोर्ट, सड़कें, रेलवे का काम, खदानें, कारखानें सिर्फ एक व्यक्ति को दी जा रही है। जनता के मन में हमेशा ये विश्वास दिया जाता था कि कुछ नहीं है तो संविधान है हमारी सुरक्षा के लिए है। लेकिन आज आम लोगों के बीच ये धारणा बनती जा रही है कि सरकार सिर्फ अडानी जी मुनाफे के लिए चल रही है। देश में बहुत तेजी से गैरबराबरी बढ़ रही है। जो गरीब है और गरीब हो रहा है, जो अमीर है वो और अमीर हो रहा है।’
वाड्रा ने कहा, ‘पूरे देश की जनता जानती है कि इनके यहां वॉशिंग मशीन है। वो यहां से वहां जाता है वो धुल जाता है। इस तरफ दाग, उस तरफ स्वच्छता। मुझे दिख भी रहे हैं शायद वॉशिंग मशीन में धुल गए हैं। जहां एकता और भाईचारा होता था वहां शक और घृणा के बीज बोए जा रहे हैं। पीएम यहां सदन में संविधान की किताब को यूं माथे से लगाते हैं लेकिन संभल, हाथरस और मणिपुर में जब न्याय की आवाज गूंजती है तो उनके माथे पर शिकन तक नहीं आती है, शायद वो भूल गए हैं कि भारत का संविधान संघ का विधान नहीं है। भारत के संविधान ने हमें एकता दी, हमें आपसी प्रेम दिया। उस मोहब्बत की दुकान जिसपर आपको हंसी आती है, उसके साथ करोड़ों देशवासी चले।’
प्रियंका ने सरकर को अपनी आलोचना को भी बर्दाश्त करने की नसीहत दी। अपने भाषण के दौरान उन्होंने एक किस्सा भी सुनाया कि कैसे एक राजा भेष बदलकर प्रजा के बीच जाता था, ये जानने के लिए उसके बारे में जनता आखिर सोचती क्या है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष की आवाज दबा रही है। दौलत के दम पर सरकारों को गिराया जा रहा है। एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने अपने भाषण का अंत कुछ इस अंदाज में किया, ‘ये देश भय से नहीं चलेगा, साहस से ही चल सकता है। ये देश कायरों के हाथों में ज्यादा देर तक कभी नहीं रहेगा। ये देश उठेगा, ये देश लड़ेगा, सत्य मांगेगा, सत्यमेव जयते, जय हिंद!’