तिल्दा नेवरा -11 फरवरी को नगर निकाय चुनाव के लिए मतदान होना है. सरकार ने शराब की दुकानों को बंद कर दिया है। लेकिन शराब पीने वालों को दुकान बंद होने के बाद पैसों से नहीं बल्कि मुफ्त में शराब मिल रही है। हालत ये है कि चुनाव में बट रही मुफ्त की शराब पीकर लोग सड़कों पर बहोश पड़े मिल रहे हैं।
चुनाव विधानसभा का हो या लोकसभा का. जब भी चुनाव होता है शराब पीने वाले बेवडो की चल पड़ती है..। उन्हें शराब पीने के लिए पैसे खर्च नहीं करने पड़ते हैं मुफ्त में ही शराब मिल जाती है…। नगर पालिका और पंचायत चुनाव में तो शराब के साथ बोकरा भारत भी परोसा जाता है ..ऐसे में मदिरा के साथ मांस खाने के लिए चुनाव का समय किसी त्योहार से काम नहीं होता है,, आईए दिखाते हैं कुछ ऐसे शराबी जो शराब के नशे में सड़कों पर पड़े हुए हैं और जब उनको कोई उठाने ले लिए जगता है तो इस गाने की तर्ज पर शायद यही कहते हैं। ,, ……..मुझको यारों माफ करना मैं नशे में हूं
जानकारी तो ऐसे भी मिल रही है कि कई लोग दो-तीन दिनों से अपने घर ही नहीं जा रहे हैं। मुफ्त में मिल रही शराब पीकर कई ऐसे बेवड़े हैं जो सुबह से घर से निकलते हैं और बड़ी मुश्किल से रात को घर पहुंचते हैं। इनमें कई ऐसे लोग भी हैं जो घर पहुंचने के पहले ही किसी जगह पर गिर जाते हैं ..और सुबह उठकर घर पहुंचते हैं। इनमें से कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दो दिनों से घर पहुंचे ही नहीं है। एक ऐसे ही शराबी को के घर वाले ढूंढने निकले तो वह एक सुनसान जगह पर पड़ा हुआ मिला। घरवाले उसे उठाकर घर ले गए। सुबह उठकर वह परिजनों से पूछने लगा कि मैं घर कैसे आ गया