Saturday, November 23, 2024
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मनरेगा मैं भ्रष्टाचार का भूतकाल… जिंदा लोग बेरोजगार, मृतकों को रोजगार.. गरीबों का पैसा काटा भूतों में बांटा

इन्द्रकुमार कोटवानी की विशेष रिपोर्ट
तिल्दा विकासखंड के ग्राम पंचायत बेलदार सिवनी में एक बड़ा घोटाला हुआ है।यहां मनरेगा के हुए काम में फर्जी नाम शामिल कर लाखों रुपए वारे न्यारे किए गए हैं।आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि मृतकों को मजदूर बताकर पैसों का गोरख धंधा हुआ, जिंदा लोग बेरोजगार घूमते रहे और मृतकों के नाम पर पैसा बटता रहा, यानी इसे भ्रष्टाचार का भूतकाल कहा जाए तो गलत नहीं होगा।
जिंदा लोग बेरोजगार मृतकों को रोजगार..
स्व,तुलसीराम, स्व,जनकराम स्व,सुमिरित बाई, आदि ये नाम चेहरे भले ही अलग है लेकिन सबकी कहानी एक जैसी ये सभी लोग ग्राम पंचायत बेलदार सिवनी के रहने वाले हैं. अधिकारियों की मिलीभगत से सरपंच सचिव और रोजगार सहायक ने मिलकर इनके नाम पर गांव में फर्जीवाड़ा किया गया है। ग्राम पंचायत में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार योजना में लाखों की धांधली हुई है ,इस गेम में कितना बड़ा घोटाला हुआ है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि जॉब कार्ड में ऐसे लोगों के नाम हैं जो कि इस दुनिया में नहीं है याने की जिंदा लोग बेरोजगार घूम रहे थे. और मृतकों के नाम पर मनरेगा के पैसों का वारा न्यारा हो रहा था। फर्जी नामों को जॉब कार्ड में जोड़कर धांधली की जा रही थी.. इसका खुलासा तब हुआ जब गांव की पूर्व सरपंच ने सूचना अधिकार के तहत मनरेगा में हुए कार्यों की जानकारी मांगी और जब उसे जानकारी मिली तो उसे देखकर सन्न रह गई

सरकार गांव के गरीब मजदूरों को रोजगार देने के लिए मनरेगा का कार्यक्रम चलाती है लेकिन ग्राम पंचायत में करप्शन के कारीगरों ने नेताओं के नाम पर भी जॉब कार्ड बना डाला..पत्रिका सवाददाता जब मामले की सच्चाई जानने मोहित चन्द्राकर के घर पहुंचे और पूछा जॉब कार्ड की फाइल में आपका भी नाम है…तो वह जॉब कार्ड की फाइल देखकर हैरान रह गए ,उन्होंने कहा मुझे बड़ा दुख है कि ऐसा ऐसा भ्रष्टाचार हो रहा है, उन्होंने ये भी कहा इतना बड़ा घोटाला सिर्फ सरपंच नहीं कर सकता इस घोटाले में नेता और सरकारी कर्मचारी की मिलीभगत से इतनी बड़ी धांधली हुई है
ग्रामीणों न ने बताया कि मनरेगा की व्यवस्था ऐसी है कि इसमें ग्राम पंचायत और सरकारी कर्मचारियों की मुख्य भूमिका रहती है, बावजूद इतना बड़ा घपला हुआ. है इस तरह का घपला करना किसी एक के बस की बात तो नहीं है ग्राम पंचायत में मनरेगा में धांधली का खुलासा होने के बाद प्रशासन हरकत में आया जांच समिति बनाई गई है हालांकि जांच समिति में कुछ ऐसे अधिकारियों को भी शामिल किया गया है जो इस धांधली में शामिल है बावजूद . जांच रिपोर्ट में स्पष्ट हो गया है कि सरपंच सचिव और रोजगार सहायक ने अधिकारियो की मिली भगत कर न केवल मृतकों के नाम पर पेंशन निकालकर एक बड़ा घोटाला किया.बल्कि मृतकों को जिन्दा बताकर उनके नाम जॉब कार्ड बनाकर काम करना बताया गया है और उसके एवज में लाखों रुपए का वारा न्यारा किया गया है |

गाव के तुलसीराम का देहांत हो चुका है और उसका डेथ सर्टिफिकेट भी है,यानी अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन जॉब कार्डधारी तुलसीराम के नाम से 387 दिवस की मजदूरी निकाली गई है, इसी तरह मृतक जनक राम को भी मनरेगा का मजदूर बताकर मजदूरी देना बताया गया है. स्व,सुमिरित बाई का नाम मनरेगा के काम करने वाले लिस्ट में शामिल है और उसके नाम पर मजदूरी का भुगतान भी किया गया और अभी भी वह काम कर रही है। बताया जाता है की मनरेगा के जॉब कार्ड में उनके परिवार के साथ फर्जी नाम भी जोड़े गए हैं मनरेगा के घोटाले बाजों ने ना ही जीवित लोगों को छोड़ा और ना ही मृत्यु हो चुके लोगों को, यह कहना गलत नहीं होगा कि वे गरीबों का हक मारते रहे और भूतों के सहारे फर्जीवाड़ा करते रहे….|इसी तरह का फर्जीवाड़ा और कई नाम से किया गया है
इस संदर्भ में तिल्दा जनपद के सीईओ कहना है कि मामले की जांच चल रही है जांच कार्रवाई पूर्ण होने के बाद कार्यवाही की जाएगी |जबकि चर्चा यह है कि इस पूरे गड़बड़ी में सीईओ की भूमिका अहम रही है.. भले ही सीईओ कह रहे हैं कि अभी जांच चल रही है लेकिन सच्चाई यह है कि जांच का कार्य पूर्ण हो चुका है| बावजूद इतनी बड़ी गड़बड़ी करने वाले सरपंच. सचिव और ग्राम सहायक के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है, मात्र गड़बड़ी की राशि को वसूलने की बात कहीं गई है.. बताया जाता है कि सीईओ के पदस्त होने के बाद से तिल्दा ब्लॉक के कई और ग्राम पंचायतों में इस तरह की करोड़ों की गड़बड़ी हुई है.
मामला उजागर करने वाले गाव के पूर्व सरपंच उमापुरेना और उनके पुत्र पप्पू का कहना है की मनरेगा में सुनियोजित ढंग से घोटाला किया गया है पप्पू के बताए मुताबिक ऐसे लोगों का नाम मनरेगा में शामिल किए है गए जो संपन्न परिवार से हैं जिनके घरों में एयर कंडीशनर लगा हुआ है और गांव में पानी की फैक्ट्री चलती है..
सवाल है कि क्या यह धांधली सिर्फ ग्राम पंचायत में हुई है या फिर दूसरी ग्राम पंचायतों में भी मनरेगा के कार्य में
करप्शन का गोरखधंधा चल रहा है lइस सवाल के जवाब के पहुंचने तक में गांव के गरीब मजदूरों को रोजगार का हक पूरी तरह से नहीं मिल सकता है

वर्जन
बेलदार सिवनी में गड़बड़ी की शिकायत पर समिति बनाकर जांच कराई जा रही है,जांच रिपोर्ट आने के बाद उच्चाधिकारियों से राय लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी..
राजेंद्र पांडे सीईओ जनपद पंचायत तिल्दा

बेलदार सिवनी सरपंच रोजगार सहायक व अन्य के खिलाफ मर चुके लोगों के नाम पर जॉब कार्ड बनाए जाने एवं उनके नाम पर पेंशन राशि निकालने की शिकायत मिलने पर मेरे नेतृत्व में 4 सदस्य जांच समिति बनाई गई थी हमने जांच कर रिपोर्ट सौंप दी है

विजय वर्मा पंचायत इंस्पेक्टर तिल्दा..

यह कैसी रिपोर्ट..
सूचना अधिकार से प्राप्त जानकारी के बाद मेरे द्वारा शिकायत की गई थी जांच पूरी हो गई है लेकिन सरपंच और अन्य लोगों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है जब भी जांच रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है यह स्पष्ट हो चुका है लेकिन रिपोर्ट में मात्र वसूली की बात कही गई है नियमानुसार तत्काल f.i.r. करा कर सभी पर कार्रवाई होनी चाहिए..

पप्पू पुरैना शिकायतकर्ता ग्राम पंचायत बेलदार सिवनी

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