Thursday, December 26, 2024
Homeछत्तीसगढ़पेड़ को चीर कर प्रकट हुए थे बजरंगबली, इस मूर्ति का रहस्य...

पेड़ को चीर कर प्रकट हुए थे बजरंगबली, इस मूर्ति का रहस्य जान भक्तों को हो रहा अचरज

सरगुजाः छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के लुंड्रा विकासखंड के लमगांव में अद्भुत संयोग वाला एक ऐसा हनुमान मंदिर है जो लोगों के लिये आस्था का केन्द्र बना हुआ है। कहा जाता है कि यहां स्थापित बजरंगबली की प्रतिमा प्रत्येक वर्ष कुछ न कुछ इंच बढ़ रही है। इतना ही नहीं मूर्ति पेड़ में से स्वयं प्रगट हुई थी। समय के साथ साथ इस अद्भुत चमत्कार के चर्चे अब दूर दूर तक हो रहे हैं और यही वजह है कि लोग यहां पहुंच कर हनुमान जी के दर्शन कर अपनी मुरादे मांग रहे हैं।

उत्तरी छत्तीसगढ़ से गुजरे नेशनल हाईवे क्रमांक-43 पर स्थित स्वयं भू हनुमान मंदिर की कहानी काफी रोचक है। कहा जाता है कि वर्ष 1982-83 में कहीं से आए बाबा त्रिवेणी दास ने सबसे पहले पीपल के पेड़ में हनुमान की एक प्रतिमा देखी थी। इसके बाद जब इस बात की जानकारी यहां के ग्रामीणों को हुई तो इस जगह पर पूजा पाठ शुरू हो गई जो अब धीरे धीरे मंदिर का स्वरूप ले लिया है। वहीं, लोगों के सहयोग से मंदिर की स्थापना के कुछ दिन बाद बाबा त्रिवेणी दास यहां से चले गए। बाबा त्रिवेणी दास के चले जाने के बाद उनके शिष्य के रूप में शंकर दास यहां के उत्तराधिकारी बने।

ऐसे बढ़ी मंदिर में लोगों की आस्था

शंकर दास नें हनुमान मंदिर को लोगों के आस्था का केंद्र उस वक्त बना दिया जब उन्होंने 1987 से 1991 के बीच लगातार दस दिनों के लिए तीन बार समाधि ले लिया। उनके इस तपस्या को देख कर लोग आश्चर्यचकित हो गए। उनकी समाधि लेकर फिर जिंदा हो जाने के कारण लोगों की आस्था स्वयं भू हनुमान मंदिर के प्रति और बढ़ गई।

अपने आप बढ़ रहा मूर्ति का आकार

मंदिर की स्थापना के बाद धीरे धीरे ये देखा जाने लगा कि हनुमान की मूर्ति बढ़ती जा रही है। कहा जाता है कि जब हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना की गई थी तब मूर्ति करीब 6 इंच या उससे थोड़ी बड़ी थी, लेकिन अब तक ये मूर्ति करीब तीन फिट से साढे़ तीन फिट हो गई है। आज भी यह मूर्ति अनवरत कुछ सालों में कुछ इंच बढ़ती रहती है। इन्हीं चमत्कार को देखते हुए लोग खुद ब खुद यहां खींचे चले आते गए और अब इन्हें जीवंत स्वयं भू हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाने लगा है।

24 सालों से अनवरत हो रहा रामचरित मानस का पाठ

इस मंदिर में पिछले 24 वर्षों से 24 घंटे अनवरत रामचरित मानस का पाठ चल रहा है। ये पूरे देश का एक एैसा मंदिर है, जहां प्रत्येक दिवस 24 घंटे पाठ होता रहता है। इस मंदिर में जिस अंदाज में मानस का पाठ होता है, उससे पूरा हनुमान मंदिर परिसर गुंजायमान रहता है। मधुर आवाज से मंदिर परिसर के समीप पहुंचते ही लोगों की भावनाएं ही बदल जाती हैं। लोग घंटों यहां बैठ कर पूजा और भक्ति में अपना समय बीता देते हैं। वहीं, हनुमान जंयती पर पाठ को आधे घंटे के लिये रोका जाता है और पूर्ण आहूति देने के बाद एक बार फिर रामचरित मानस का पाठ प्रारंभ हो जाता है।

मंदिर के सामने भक्त ने बनवाया भव्य राम मंदिर

अंबिकापुर शहर के एक बिजनेसमैन और हनुमान भक्त जगदीश प्रसाद सुल्तानिया इस मंदिर में आकर इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने वहां पर भव्य राम जानकी मंदिर की स्थापना करवा दी। मंदिर बनाने के दौरान उन्होंने लोगों से एक रुपए की भी मांग नहीं की। गुप्तदान के जरिए यहां उन्होंने राम-जानकी मंदिर का निर्माण कराया है। अब जाकर लोगों को जानकारी मिली है कि भव्य मंदिर का निर्माण इसी व्यवसायी ने कराया है।

मंदिर की कारीगरी से हैरान हुए लोग

राम-जानकी मंदिर के भीतरी हिस्से की मीनाकारी देखकर हर कोई दंग रह जाता है। यहां रामायण का हर प्रसंग व दृश्य दीवारों पर चित्रित हैं जो भी यहां दर्शन करने पहुंचता है वह भाव-विभोर हो जाता है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments