बिलासपुर मतगणना के पहले बिलासपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव ने चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं।मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि 611 EVM बदलीं गईं हैं। मॉक पोल और 17 C फार्म में इनके नंबर अलग अलग बताए गए हैं।देवेंद्र यादव ने कहा कि जीत-हार से अधिक बड़ा सवाल है कि बदली गई EVM के नंबर में गड़बड़ियां क्यों की गई?मतगणना से पहले इसका स्पष्ट जवाब नहीं मिलता तो हम कोर्ट का दरवाजा (Bilaspur Lok Sabha Seat) खटखटाएंगे।हालांकि कलेक्टर ने कहा कि उनकी आपत्ति पर पहले ही कई बैठक हुई है कीं कोई समस्या वाली बात नहीं है।
भाजपा को मदद करने का आरोप
कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव ने निर्वाचन आयोग के अफसरों पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 611 EVM में गड़बड़ियां भाजपा को मदद करने और चुनाव को प्रभावित करने के लिए की गईं। मतगणना के पहले उठाई गई आपत्तियों पर जिला निर्वाचन की ओर से जवाब आना चाहिए था, जो अब तक नहीं मिली है।
28 मई को की गई थी मांग
देवेंद्र यादव का कहना है कि असमानता की जांच की मांग 28 मई को की गई थी। जिला निर्वाचन आयोग की ओर से दिए गए दस्तावेज और मतदान दलों के ओर से दिए गए दस्तावेजों में असमानता है। निर्वाचन आयोग के दस्तावेज जैसे सेकेंड रेंडमाइजेशन रिपोर्ट, कमीशनिंग, मॉक पोल और 2251 मतदान केंद्रों के मतदान दलों के ओर से मिले प्रारूप 17 सी (बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट) में कई आंकड़े अलग-अलग है।
दोनों दस्तावेजों के मिलान के बाद 98 बैलेट यूनिट के नंबर अलग-अलग पाए गए हैं। इसी तरह बाकी विधानसभा क्षेत्रों में मिली असमानता को मिला कर कुल 611 EVM मशीनों के नंबरों में गड़बड़ी है। उन्होंने यहां तक कहा कि यदि इस मामले में स्पष्टता नहीं आती है तो यह लोकतंत्र की हत्या होगी।
आपत्ति का कोई आधार नहीं है, सारे पेपर सील हैं- कलेक्टर
वहीं देवेंद्र यादव के आरोपों पर जिला निर्वाचन अधिकारी अवनीश कुमार शरण ने भी मीडिया को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रत्याशी ने 28 तारीख को जो आपत्ति की थी, उसके लिए समय-समय पर बैठक बुलाई गई थी। कल भी एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें उनके लोग आए थे। कहीं कोई समस्या वाली बात नहीं है।
मतदान के दूसरे दिन भी स्क्रूटनी होती है जो इलेक्शन कमीशन के ऑब्जर्वर की मौजूदगी में होती है। सभी प्रत्याशी, पोलिंग एजेंट होते हैं। 8 तारीख को स्क्रूटनी के समय उन्हें रेंडम दिखाया गया कि किसी मतदान केंद्र का पेपर चेक कराना है, तो करा सकते हैं? इसके बाद सारा कुछ सील हो जाता है।
काउंटिग के दिन मैच कर सकते हैं- कलेक्टर
कलेक्टर ने कहा कि एक बार जब सारा कुछ सील हो जाता है तो पेपर निकाल कर उसे देखना संभव नहीं है। अब मतगणना हॉल में काउंटिंग के दिन प्रत्याशी उसे मैच कर सकते हैं। कांग्रेस प्रत्याशी ने जो पत्र हमें दिया है, आज की डेट में उसका कोई आधार नहीं है, क्योंकि अब सारा कुछ सील हो चुका है। आज की डेट में कोई उसे खोल कर चेक नहीं कर सकता, काउंटिग के दिन मैच कर सकते हैं।