Friday, December 27, 2024
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देर से दरवाजा खोला तो पत्नी की हत्या कर दी…हर कपल के लिए सबक है ये सनसनीखेज वारदात

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हत्या की एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है. यहां एक पति ने रात को देर से दरवाजा खोलने की वजह से पत्नी की चाकूओं से गोदकर हत्या कर दी. हैरानी की बात ये कि सबकुछ उनके दो बच्चों की आंखों के सामने होता रहा. पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है.

पल भर का गुस्सा कई बार पूरी जिंदगी बर्बाद कर देता है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अलाया अपार्टमेंट में रहने वाले आदित्य कपूर के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. आदित्य के कपड़ों का शोरूम था, लेकिन कोरोना में लगे लॉकडाउन की वजह से उसका कारोबार खत्म हो गया. नौबत ये आई गई कि परिवार चलाने के लिए उसको किसी दूसरे के कपड़े की दुकान पर नौकरी करनी पड़ी. इस वजह से वो अक्सर डिप्रेशन में रहने लगा. कई बार खुदकुशी करके अपनी जिंदगी खत्म करनी चाही,लेकिन हर बार बचता रहा. गम को गलत करने के लिए शराब पीना शुरू कर दिया. नशे में होने की वजह से अक्सर पत्नी से झगड़ा हुआ करता था.

शनिवार देर रात की बात है. आदित्य कपूर हर रोज की तरह नशे में घर पहुंचा. देर होने की वजह से नाराज पत्नी शिवानी कपूर ने दरवाजा नहीं खोला. बहुत कोशिश करने के बाद दरवाजा खुला, तो आदित्य अपनी पत्नी से लड़ने-झगड़ने लगा. दोनों की लड़ाई इस हद तक पहुंच गई कि नाराज आदित्य ने किचन से चाकू लिया और शिवानी के शरीरपर वार करना शुरू कर दिया. इसमें उसकी पीठ और गर्दन पर गंभीर चोट लग गई. वो लहूलुहान होकर वहीं गिर पड़ी. यहां हैरानी की बात ये कि सबकुछ उन दोनों के दोदो बच्चों की आंखों के सामने हो रहा था. डर और दहशत के मारे बच्चों ने पहले तो कुछ नहीं बोला, लेकिन मां की हत्या होता देख पिता पर टूट पड़े.

दोनों ने बच्चों ने आदित्य को एक कमरे के अंदर करके बाहर से लॉक लगाने कोशिश करने लगे, लेकिन उसने उन्हें धक्का देकर वहां से भाग निकला. बचने के लिए तीसरेफ्लोर से नीचे कूद गया. इस दौरान वो गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है. उधर, उसके बच्चों ने तुरंत पुलिसको कॉल कर दिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने शिवानी के शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेज दिया. इस वक्त आदित्य और शिवानी एक ही अस्पताल में हैं, लेकिन एक की मौत हो चुकी है, दूसरा जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है. निर्दोष बच्चे स्तब्ध हैं. उनका भविष्य अंधकार में है. सबकुछ पल भर के गुस्सेकी देन है.

परिवार को बर्बाद होने से बचा सकते थे आदित्य-शिवानी

आज शिवानी और आदित्य का सबकुछ बर्बाद हो चुका है. पूरा परिवार बिखर चुका है. यदि दोनों चाहते तो ऐसी  स्थिति आने से बचा सकते थे. सबसे पहले तो आदित्य को अपने कारोबार खत्म होने के बाद भी हार नहीं माननी चाहिए थी. क्या हुआ कि वो किसी दूसरे की दुकान परकाम कर रहा था. धीरे-धीरे करके वो अपनी स्थिति ठीक कर सकता था. लेकिन उसने सकारात्मक होकर दूर की सोचने की बजाए डिप्रेशन में चला गया. पहले खुद को मारने की कोशिश की और अब अपनी पत्नी को ही मार डाला. शिवानी को भी हर रोज के झगड़े को सहना नहीं चाहिए था. वो इस रोकने के लिए काउंसलर या कानून का सहारा ले सकती थी.

एक वारदात के सबक कई हैं…

1. आदित्य कपूर को कारोबारी नुकसान के बावजूद निराश-हताश नहीं होना चाहिए था.

2. आदित्य कपूर नए सिरे से अपने कारोबार को खड़ाकर सकता था.

3. आदित्य ने डिप्रेशन का इलाज शराब को समझ लिया, जो उसकी सबसे बड़ी गलती थी.

4. शिवानी कपूर को हर रोज होने वाली हिंसा को सहना नहीं चाहिए था.

5. शिवानी अपने पति आदित्य की किसी मनोचिकित्सक से काउंसलिंग करा सकती थी.

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