कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन में बड़ा उलट फेर होने वाला है। महाराष्ट्र, हरियाणा,के बाद दिल्ली विधानसभा सभा चुनाव में कांग्रेस की हुई शर्मनाक हार के बाद पार्टी में उथल-पुथल मची हुई है।महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य में औधे मुंह गिरने बाद कांग्रेस हरियाणा और फिर दिल्ली में हुई के बाद से कांग्रेस ने बिना देर किए बदलाव करने का फैसला कर लिया है। इसके लिए दिल्ली में एक बैठक भी बुलाई गई है।इस महत्व पूर्ण बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ,राहुल गांधी सहित बड़े नेता शामिल है …माना जा रहा है कि कई पुराने चहरों को हटाकर अब नए युवा चेहरों को संगठन में शामिल कर सामने लाया जाएगा। इसके अलावा आधा दर्जन से भी अधिक राज्यों के कप्तान को बदले जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है महाराष्ट्र के हर्षवर्धन सकपाल को प्रदेश का नया अध्यक्ष बनायागया है । सूत्रों की माने तो कांग्रेस प्रियंका को बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है।
दर चुनाव हार से कांग्रेस में हाहाकार मच गया है ऐसे तो कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन मैं बदलाव की तैयारी पिछले कई दिनों से चल रही थी. लेकिन महाराष्ट्र, हरियाणा उसके बाद दिल्ली में हुए चुनाव के चलते संगठन में बदलाव की प्रक्रिया पर ब्रेक लग गई थी, लेकिन अब सभी राज्यों के चुनाव हो चुके है.एक बाद एक हुए विधान सभा चुनावो और उतराखंड में हुए नगरीय निकाय चुनाव में मिली हार से कांग्रेस की हुई फजीहत से पस्त हो चुकी पार्टी ने संगठन को चुस्त और मजबूत बनाने के लिए फेर बदल करने फेसला किया है. पार्टी अब देरी के मूड में जरा भी नहीं है. कांग्रेस अब अपने संगठन को चुस्त-दुरुस्त बनाने की कवायद में लगी है.
सूत्रों के मुताबिक, संगठन में बदलाव को लेकर राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की कई दौर की बैठक हो चुकी है. बैठकों में संगठन महासचिव वेणुगोपाल भी शामिल रहे हैं. कांग्रेस संगठन में ढांचागत बदलाव भी हो सकता है. इसमें संगठन महासचिव के काम को तीन हिस्सों में बांटा जा सकता है. तीनों हिस्सों के लिए अलग-अलग नेताओ को नियुक्ति किया जा सकता है. इससे अध्यक्ष के बाद सबसे ताकतवर पद की ताकत कम होगी. फिलहाल के सी वेणुगोपाल संगठन मंत्री हैं. वे राहुल गांधी के बेहद खास और बहुत ताकतवर माने जाते हैं. इसका मतलब है कि केसी वेणुगोपाल का कद घट जाएगा.
महासचिव वेणुगोपाल मजबूती से अपने पद पर बने हुए हैं. मगर उनको कुछ महीने पहले ही संसद की लोक लेखा समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. ऐसे में अटकलें है कि उनको बदला का सकता है और उनकी जगह रणदीप सुरजेवाला, प्रियंका गांधी, भूपेश बघेल, भंवर जितेंद्र सिंह अलवर या अशोक गहलोत ले सकते हैं. हालांकि वेणुगोपाल को बलदले या पद पर बनाए रखने का फैसला राहुल गांधी को ही करना है. संचार विभाग के महासचिव जयराम रमेश भी बदले जा सकते हैं.
आपको बता दे इस समयपार्टी में कई समीकरण बदलाव की वजह बन रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व प्रदेश में बड़े नेताओं के बीच खींचतान को खत्म करने और एकता बहाल करने के मकसद के लिए ये बड़ा कदम उठाने जा रहा है।
बिहार, राजस्थान, तेलंगाना, हरियाणा, पंजाब और असम के प्रभारी बदले जा सकते हैं… लगभग 8 राज्यों के अध्यक्ष बदले जाएंगे, जिसकी शुरुआत ओडिशा से हो चुकी है…… असम में गौरव गोगोई अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं. कर्नाटक में डी के शिवकुमार उपमुख्यमंत्री के साथ पार्टी अध्यक्ष भी हैं, उनकी जगह संगठन में नई नियुक्ति हो सकती है…. महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और तमिलनाडु के अध्यक्ष बदले जाएंगे. हर्षवर्धन सकपाल महाराष्ट्र के अध्यक्ष बन सकते हैं. झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर से प्रभार वापस लिया जाएगा. वो अपने गृह राज्य जम्मू कश्मीर वापस जा सकते है ..
संगठन महासचिव वेणुगोपाल मजबूती से अपने पद पर बने हुए हैं. मगर उनको कुछ महीने पहले ही संसद की लोक लेखा समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. ऐसे में अटकलें है कि उनको बदला का सकता है और उनकी जगह रणदीप सुरजेवाला, प्रियंका गांधी, भूपेश बघेल, भंवर जितेंद्र सिंह अलवर या अशोक गहलोत ले सकते हैं. हालांकि वेणुगोपाल को बलदले या पद पर बनाए रखने का फैसला राहुल गांधी को ही करना है. संचार विभाग के महासचिव जयराम रमेश भी बदले जा सकते हैं.