सुकमा-बस्तर संभाग के सुकमा जिले के धनी कोड़ता गांव में अज्ञात बीमारी से ग्रामीण मौत के मुह में समाते जा रहे है. गांव वालों के मुताबिक महीने भर में 13 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है. हालांकि सरकारी अमला 8 मौत की पुष्टि कर रहा है. गांव में एक के बाद एक की हुई मौत से ग्रामीणों में दहशत है. दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में कैंप लगाकर लोगों का ब्लड टेस्ट कर रहे है.
सुकमा जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर छत्तीसगढ़ और ओडिशा बॉर्डर इलाके में धनीकोड़ता गांव बसा है. इस गांव की आबादी मात्र 620 है. गांव में पिछले 1 महीने से लगातार मौतें हो रही है. ग्रामीणों ने बताया कि लोगों को हाथ पैर, पेट और कमर दर्द हो रहा है. शरीर में सूजन आ जाता है. दर्द बढ़ने के बाद कुछ दिनों में मौत हो जा रही है.
मीडिया के माध्यम से सुकमा में मौतों की खबर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के पास पहुंची. जिसके बाद स्वास्थ्य अमला गांव पहुंचा. गांव में मेडिकल कैंप लगाया गया है, गांव वालों की जांच की जा रही है.
गांव वाले शरीर की दर्द की शिकायत कर रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग कुछ और ही जानकारी दे रहा है. सुकमा सीएमएचओ कपिल कश्यप ने बताया कि ग्रामीणों में सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षण है. ग्रामीण जागरूक नहीं होने के कारण अस्पताल नहीं पहुंचते हैं और देसी इलाज और झाड़फूंक के भरोसे रहते हैं. मौत की जानकारी के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. ग्रामीणों के मेडिकल चेकअप के बाद जैसे लक्षण मिल रहे हैं उसके अनुसार अस्पताल रवाना किया जा रहा है.
स्वास्थ्य विभाग ने 3 दिन से गांव में शिविर लगाया है. जिसमें 80 ग्रामीणों की जांच हो गई है. जांच में 9 ग्रामीणों में मलेरिया पुष्टि हुई है. चेचक और पीलिया की भी आशंका जताई जा रही है.