छत्तीसगढ़ कांग्रेस में टिकट वितरण के बाद विवादों का दौर शुरू हो गया है। रायपुर उत्तर से कुलदीप जुनेजा को दोबारा टिकट मिलने के बाद कांग्रेस नेता और सिंधी अकादमी के डायरेक्टर अर्जुन वासवानी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अर्जुन का कहना है कि पार्टी की ओर से समाज की उपेक्षा हुई है। इसलिए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है।
अर्जुन वासवानी रायपुर उत्तर से दावेदारी कर रहे थे। उन्हें या सिंधी समाज के किसी व्यक्ति को एक भी टिकट न मिलने के कारण उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सीएम भूपेश बघेल को अपना इस्तीफा भेज दिया है। अर्जुन ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि उन्होंने पार्टी के नेताओं के सामने भी समाज की मांग रखी थी।
आश्वासन के बावजूद नहीं मिला टिकट
अर्जुन वासवानी ने के.सी. वेणुगोपाल से फोन पर बात की थी और समाज की मांग को उनके सामने रखा था। प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा से भी 3 दिन पहले बात हुई थी। उन्होंने भी आश्वासन दिया था, लेकिन अंतिम सूची आने के बाद हमने देखा की जो आश्वासन दिया था उसके अनुसार टिकट जारी नहीं किया गया।
35 साल से कांग्रेस से जुड़े हैं वासवानी
अर्जुन वासवानी अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं। लगभग 35 साल से वो पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। वासवानी ने कहा कि ज्यादातर सिंधी समाज के लोग बीजेपी समर्थक होते थे, लेकिन हमने उसे कन्वर्ट किया और कांग्रेस के लिए वोट डलवाएं हैं। इसके बाद भी पार्टी ने समाज की उपेक्षा की है।
सिंधी समाज से निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में
अब रायपुर उत्तर से सिंधी समाज ने अपने प्रत्याशी को सामने कर दिया है। विक्की रत्नानी नाम के कांग्रेसी नेता ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। विक्की ने बताया कि अजीत कुकरेजा रायपुर उत्तर से एक अच्छा नाम हो सकते थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला, जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो हम जैसे लोगों को मौका मिलने में तो शायद 15-20 साल लग जाएं। ये देखकर मैंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना लिया है।