भारतीय जनता पार्टी घोषणा पत्र समिति के संयोजक सांसद विजय बघेल ने कांग्रेस घोषणा पत्र को झूठ का दस्तावेज करार देते हुए कहा कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ की जनता से और कितना झूठ बोलेगी। इनकी झूठी बातों और खोखले वादों पर अब भरोसा करेगा कौन?
बघेल ने आगे कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के साथ छत्तीसगढ़ की जनता के भरोसे का संकल्प पत्र हमने जारी किया है। जिसमें राज्य के किसानों, मजदूरों, महिलाओं, युवाओं सब के हितों का पूरा ध्यान रखा गया है। हम किसान को कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा देंगे ,दो साल का बकाया बोनस 25 दिसंबर को एकमुश्त मिल जाएगा। भाजपा की सरकार धान खरीदी का ज्यादा और एकमुश्त भुगतान करेगी। किश्तों के मकड़जाल से किसान मुक्त होगा। किसानों को अपना काम छोड़कर बैंक के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
ये बातें विजय बघेल ने भाजपा के रायपुर स्थित कार्यालय एकात्म परिसर में मीडिया से कहीं। विजय बघेल का प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पारिवारिक नाता है, दोनों के बीच चाचा भतीजे का रिश्ता है। दोनों पाटन से ही चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस के घोषणा पत्र में विजय बघेल ने कहा- कांग्रेस ने वर्मी खाद के नाम पर किसानों का शोषण किया है उन्हें लूटा है जबकि प्रधानमंत्री मोदी जी ने उर्वरकों के दाम तीन गुने बढ़ जाने के बावजूद किसानों को सब्सिडी देकर उन्हें सस्ती दर उर्वरक उपलब्ध कराये है। भूपेश बघेल ने तो यह फायदा भी किसानों को नहीं मिलने दिया।
सांसद विजय बघेल ने कहा कि हमारी हर विवाहित बहिन को 5 साल में 60 हजार रुपये दिए जाएंगे। हम युवाओं को रोजगार देंगे। अनियमित कर्मचारियों के हित में फैसला करने 100 दिन में कमेटी बनेगी जिसमें कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। राज्य के कर्मचारियों डीए के लिए मंत्रालय से लेकर न्यायालय तक का काम ठप करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। केन्द्र के सामान राज्य के कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाएगा। उन्हें मांगने के लिए आंदोलन नहीं करना पड़ेगा। जैसे ही केन्द्र में डीए बढ़ेगा उसी अनुपात में राज्य में भाजपा सरकार डीए बढायेगी।
सांसद विजय बघेल ने कहा कि सरकारी अधिकारियों की गोपनीय चरित्रावली में पारदर्शिता लाई जाएगी इसे ऑनलाइन करेंगे ताकि सीआर के नाम परकोई भ्रष्टाचार न होने पाए। हमारे संकल्प पत्र के दो दिन बाद कांग्रेस ने आज जगह जगह अपने प्रमाणित झूठ का दस्तावेज पेश किया है। इस पर न किसान भरोसा कर सकते, न महिलाओं को रत्ती भर भरोसा है और न ही युवाओं को भरोसा है।