नई दिल्ली में बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक चल रही है। जिसमें खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ शामिल हैं। बैठक में छत्तीसगढ़ में होने वाले चुनाव को लेकर मंथन किया गया। जिसमें करीब आधी सीटों पर नाम तय कर लिए गए हैं। बैठक में छत्तीसगढ़ के प्रभारी ओम माथुर, पूर्व CM डॉ रमन, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल भी मौजूद थे।बड़े नेताओं से चर्चा की। आम चुनाव से पिहले कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। छत्तीसगढ़ के अलावा दूसरे राज्यों को लेकर भी बीजेपी मुख्यालय में मंथन किया जा रहा है।
टिकट वितरण के अलावा सीटों के सियासी समीकरण, विधायकों और नेताओं के परफॉर्मेंस पर भी चर्चा हुई। बैठक में राजनाथ सिंह, छत्तीसगढ़ के चुनाव सह प्रभारी मनसुख मांडविया भी शामिल रहे।
पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 15 से 20 ऐसी सीटों पर नामों का ऐलान जल्द हो सकता है। जहां भाजपा हर चुनाव में कमजोर ही रही हो। पार्टी ने इस बार जाति समीकरण को पूरी तरजीह देकर चयन प्रक्रिया अपनाई है। जहां भाजपा कमजोर है वहां प्रत्याशियों के नामों के ऐलान पिछली बार के मुकाबले इस बार जल्दी किया जाएगा। पार्टी का मानना है कि इससे उन सीटों पर भाजपा के प्रति सियासी माहौल तैयार करने में मदद मिलेगी।
इन सीटों पर नाम तय
जिन सीटों में पर नामों का ऐलान हो सकता है उनमें कोंटा, सीतापुर, खरसिया, जैजेपुर, पामगढ़, कोरबा, मरवाही, पाली तानाखार, और दुर्ग ग्रामीण जैसी सीटें हैं। यहां मजबूत दावेदारों को इशारा कर दिया गया है कि चुनाव की तैयारी शुरू करें। मसलन आयकर, अपनी और पारिवारिक संपत्ति विवरण, अपराधिक प्रकरणों की जानकारी, शैक्षणिक योग्यता और प्रमाण पत्र जैसी जानकारी संग्रहित करने कहा गया है। साथ ही सारी जानकारी पुख्ता और दस्तावेजी रहे। ताकि नामांकन पत्र रद्द होने जैसी स्थिति न आए।
जातिगत गणित से चुनावी पेपर सॉल्व करने की कोशिश
सूत्रों के मुताबिक, इस बार भाजपा जातियों को पूरी तरजीह दे रही है। प्रत्याशी चयन में देखा जा रहा है कि वो किस जाति का है जाति वर्ग वोटर्स की तादाद कितनी है, अन्य समुदायों में उसकी पकड़ कैसी है। राजधानी में भी इस बार जातियों पर फोकस किया गया है। अब तक रायपुर में बनिया वैश्य समाज के नेताओं के नाम सामने आते रहे हैं, मगर इस बार जातीय बहुलता को देखते हुए नाम तय हो सकते हैं।