रायपुर। भाजपा ने जिस प्रकार अचानक ही 21 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की,टिकट के दावेदारों को पसीना छूट गया। सभी घोषित प्रत्याशी 2018 का चुनाव नहीं लड़े हैं और इनमे 16 चेहरे तो नए हैं,मतलब भाजपा इस चुनाव को काफी गंभीरता से ले रही साफ हो गया है। यह भी तय दिख रहा कि नए चेहरों पर दांव लगाएगी पार्टी,फिर पुराने दावेदार जो उम्मीद लगाए बैठे हैं और दावा भी कर रहे हैं या तो पार्टी के लिए काम करना होगा या घर बैठें। टीम अमित शाह हर बिंदु पर नजर रखे हुए हैं। पन्द्र साल सत्ता में रहने के बाद जब पार्टी पन्द्रह सीट पर सिमटी और पिछले पांच सालों में विपक्ष की दमदार भूमिका भी नहीं निभा पाई तब राष्ट्रीय संगठन को मोर्चा संभालना पड़ा। खुद भाजपा के लोगों को उम्मीद नहीं थी कि इतनी जल्दी सूची आ जायेगी.सूत्र तो बता रहे हैं दूसरी सूची भी रक्षा बंधन के बाद जारी हो जायेगी।
कुछ बड़े चेहरों को शिप्ट किये जाने की बात भी आ रही है। वहीं विजय बघेल के मैदान में उतारे जाने के बाद यह भी संभावना है कि कुछ अन्य सांसदों को भी विधानसभा के लिए प्रत्याशी बनाया जा सकता है। इससे सांसदों में भी धुकधुकी है,विधानसभा का चुनाव जीत गए तो ठीक है विधायक बन जायेंगे। हारे तो गारंटी नहीं लोकसभा के लिए टिकट मिलेगी। कुल मिलाकर टिकट वितरण की तरीके से प्रदेश भाजपा के नेता घबराये हुए हैं।