बच्चों और अभिभावकों सहित कुल 180 लोगों ने लिया भाग
तिल्दा नेवरा- अदाणी फाउंडेशन द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया।सामाजिक सरोकारों के तहत चलाए जा रहे निःशुल्क 12 नवोदय कोचिंग सेंटरों में बीते बुधवार को विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।इस अवसर पर डॉ सी वी रमण के चित्र पर माल्यार्पण कर देश व विज्ञान के विकास में उनके योगदान को याद किया।बच्चों के सर्वांगीण विकास में विज्ञान की अहम भूमिका है।
वैज्ञानिक क्रियाकलापों के माध्यम से ही विद्यार्थियों के मस्तिष्क का विकास व वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है। विज्ञान शिक्षक ने कहा कि विज्ञान के दैनिक जीवन के अनुप्रयोगों से विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच व वैज्ञानिक क्षमता विकसित होती है।वैज्ञानिक प्रयोगों से विद्यार्थियों में खोजी प्रवृत्ति व वैज्ञानिक क्षमता का विकास होता है।बच्चों में विज्ञान के प्रति रूचि व समझ विकसित करने के लिए आकाश दर्शन,महिला वैज्ञानिकों तथा उपलब्धियों पर जश्न मानाने वाले पोस्टर इत्यादि सहित विभिन्न प्रतियोगिताएं एवं गतिविधियां आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में 145 विद्यार्थियों सहित 35 अभिभावक शामिल हुए।
इस दौरान बच्चों को रात्रि में आकाश को देखकर अपना अनुभव साझा करने कहा गया था। जिसमें कु. मानसी वर्मा ने आकाश के दृश्यों में आकाश का रंग, तारे, चाँद का चलना, तारों का चमकना, टूटना बताया गया। जबकि महिला वैज्ञानिकों के जश्न मानाने वाले पोस्टर में आयुष साहू और मानव साहू की पोस्टर ने सभी को आकर्षित किया। वहीं सचिन सूर की मॉडल ने सबका ध्यान अपनी ओर खिंचा,जिसमें कार हवा के प्रेशर से चलता है। कुछ बच्चों ने ग्रहों का आकर्षक मॉडल बनाया। प्रतियोगिता में कु. मानसी, कु.ललिता,कु.अर्चना,कु.पायल,कु.संध्या,कु.अनन्या,कु.लुकेश,कु. एकता, कु. खुशबू और सचिन कुमार का उत्कृष्ठ प्रदर्शन रहा।अदाणी फाउंडेशन द्वारा विज्ञान दिवस के इस कार्यक्रम से बच्चों में विज्ञान के प्रति रूचि व कल्पना शक्ति विकसित करने का प्रयास किया गया।
विज्ञान के साथ भविष्य की कल्पना विषय पर अभिभावक अजय वर्मा ने कहा कि “इंसानो ने जो भी पूर्व में कल्पना की है,उसे आज विज्ञान के द्वारा ही प्रत्यक्ष रूप में बदला गया है। आने वाले 20 -25 वर्षों में बहुत से परिवर्तन होने वाले हैं। आज आप जो भी कल्पना करोगे उसे भी भविष्य में प्रत्यक्ष देख सकते हो।“
उल्लेखनीय है कि भारत के महान भौतिकशास्त्री वैज्ञानिक डॉ चंद्रशेखर व्यंकट रमन ने 28 फरवरी 1928 को “रमन प्रभाव” की खोज की थी। जिसके लिए उन्हें सन् 1930 को उन्हें “नोबेल पुरस्कार” से सम्मानित किया गया था। इसलिए प्रति वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
अदाणी फाउंडेशन द्वारा रायपुर जिले में शिक्षा,स्वास्थ्य, अधोसंरचना विकास एवं आजीविका उन्नयन के कई कार्यक्रम चलाए जा रहे है। जिनमें ‘नोनी लारी’ कार्यक्रम के अंतर्गत 100 से अधिक स्थानीय बालिकाओं को गुणवत्तायुक्त उच्च शिक्षा में सहायता हेतु आस पास के 10 ग्रामों से शासकीय महाविद्यालय, तिल्दा तक निःशुल्क स्कूल बस की सुविधा प्रदान की जा रही है।