एटा-पति की मौत के बाद आठ सदस्यों के परिवार का पालन करना विधवा महिला के लिए चुनौती बन गया था । आठ सदस्यों में छह रोटी टुकड़ों में बंटी तो आहत विधवा ने जान दे दी। लेकिन उसकी मौत के बाद बच्चों को माँ जो नही दिला सकी मरने के बाद मदद के लिए प्रशासन ने हाथ बढ़ाया बच्चो को दे दिया । आइए देखते है वीसीएन टाइम्स की दिल दहला देने वाली इस मार्मिक .बच्चो की भूख और एक मा की मज़बूरी ..वाली इस खबर को …यह खबर है एटा के शीतलपुर ब्लॉक के गांव नगला पवल की ..
यहाँ तंगहाली के चलते एक विधवा ने मंगलवार को आत्महत्या कर ली.. बुधवार को रिश्तेदारों के सहयोग से उसका अंतिम संस्कार किया गया…जीते जी तो उसके तरफ किसी ने झांक कर भी नही देखा.लेकिन गरीबी से मौत की सुर्खियां फैलीं तो गरीब की चौखट पर जिम्मेदार पहुंच गए.. विधवा के बच्चों को छह बीघा जमीन के साथ हर महीने आर्थिक मदद प्रदान किए ज्जाने का ऐलान भी किया गया, जिससे उनका भरण पोषण हो सके।
Up एटा के एक गांव निवासी सुमन 35 साल ने मंगलवार की रात कीटनाशक खाकर जान दे दी। मजदूरी करने वाले पति ओमकार उर्फ बबलू की 2023 में बीमारी से मौत हो गई थी । इसके बाद चार बेटी, दो बेटे सहित अपना और बूढ़ी सास रामबती के भरण-पोषण का पूरा जिम्मा सुमन के कंधों पर था,,,। जहां-जैसी मजदूरी मिल जाए, सुमन करने पहुंच जाती थी मजदूरी भी रोज नहीं मिलती थी और अक्सर बच्चे भूखे रहने को मजबूर हो जाते थे सोमवार रात भी ऐसा ही हुआ था इससे व्यथित होकर सुमन ने जान देने का फैसला कर लिया और कीटनाशक लेकर आई और उसका सेवन कर उसने परिवार से अलविदा ख लिया ..
पति की मौत के बाद से अपनी मौत तक सुमन एक-एक पैसे की मदद के लिए तरसती रही मदद तो दूर, विभिन्न सरकारी योजनाओं के जरिए उसे अपना हक तक न मिला…। उसकी मौत के बाद मंगलवार रात में ही एसडीएम सदर जगमोहन गुप्ता पहुंचे। पांच हजार रुपये नकद और , 10 कंबल दिए। परिजनों के अनुसार उन्होंने सभी बच्चों को सरकारी योजनाओं के माध्यम से चार हजार रुपये महीने दिलाने का आश्वासन भी दिया। वहीं शीतलपुर के प्रभारी बीडीओ प्रभूदयाल भी पहुंच गए। उन्होंने भी आवास, कार्ड, पारिवारिक लाभ योजना आदि दिलाने का आश्वासन दिया। जबकि डीलर ने 30 किलो चावल-गेहूं रखवा दिया।
सीडीओ डॉ. नागेंद्र नारायण मिश्र ने बताया कि मामला जानकारी में आने के बाद वृहद स्तर पर जांच कराई गई। परिवार की स्थिति वास्तव में दयनीय है। अब तक उन्हें विभिन्न योजनाओं का लाभ न मिल पाना भी चिंता का विषय है। अब नौ बिंदु तैयार किए गए हैं। इसके तहत परिवार को पीएम आवास, अंत्योदय कार्ड, कौशल विकास मिशन के तहत प्रशिक्षण, मनरेगा जॉब कार्ड, बच्चों की निशुल्क शिक्षा आदि पर कार्य किया जाएगा। अन्य विकल्प भी देखे जा रहे हैं, जिससे परिवार की स्थिति को मजबूत किया जा सके। इस खबर पर अपनी प्रतिक्रया दे ..