Thursday, November 21, 2024
Homeशिक्षाचौथी बार चाचा भूपेश का सामना करेंगे भतीजे विजय, छत्तीसगढ़ में क्या...

चौथी बार चाचा भूपेश का सामना करेंगे भतीजे विजय, छत्तीसगढ़ में क्या समीकरण बैठा रही है बीजेपी?

बीजेपी ने एक अच्छा दांव खेला है और कांग्रेस पर एक दबाव भी दिया है. अमतौर पर यह माना जाता है कि जो पहले टिकट की घोषणा करता है बाजी वही मार जाता है. अब देखना यह भी खास होगा कि कांग्रेस अपने पारंपरिक फार्मूले से ब्लॉक स्तर तक उम्मीदवारों को फॉर्म भरवाने का काम करती है या टिकट की घोषणा अगस्त महीने में ही कर देती है.

छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी. छत्तीसगढ़ में यह पहली बार देखने को मिला कि चुनाव समिति की बैठक 24 घंटे पूरे होने से पहले ही पहली उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी गई. बीजेपी के राष्ट्रीय दफ्तर में बुधवार को छत्तीसगढ़ की 27 सीटों पर चर्चा हुई औरगुरुवार दोपहर 3:55 बजे के आसपास बीजेपी ने 21 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान भी कर दिया.

21 में 16 सीटें कांग्रेस के पास

लिस्ट की सबसे बड़ी हाइलाइट रही पाटन सीट जहां मौजूदा सांसद विजय बघेल जिन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव में दुर्ग से जीत हासिल की उनको काका के खिलाफ से उतार दिया गया. यह पहली बार नहीं बल्कि चौथी बार हुआ है. विजय बघेल घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष भी हैं. बाकी कारकों की अगर बात करें तो यह सूची जारी कर भारतीय जनता पार्टी ने कई संदेश देने की कोशिश की है. क्योंकि इस सूची में पांच महिलाएं एसटी कोटा से और एक उम्मीदवार एससी कोटा से हैं. लिस्ट में जारी की गई 21 सीटों में से 16 सीटें वर्तमान में कांग्रेस के पास हैं.

वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश चंद्र होता की मानें तो बीजेपी ने उम्मीदवारों की घोषणा करके एक बहुत बड़ा संदेश देने की कोशिश है. उनके मुताबिक इस बार आदिवासी और ओबीसी को काफी महत्ता दी जाएगी. पाटन से विजय बघेल को उतारने का मुख्य उद्देश्य यही है.वहीं, रामविचार नेताम जो बहुत बड़े आदिवासी चेहरे हैं उनको सरगुजा बेल्ट के रामानुजगंज से टिकट देकर यह चीज साफ कर दी गई है कि उनका सीधा मुकाबला टीएस सिंह से होगा.

छत्तीसगढ़ बीजेपी के लिए है जरूरी
भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव के 3 महीने पहले भूपेश बघेल, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को पाटन से जोड़ने की कोशिश की है औरलोगों को कंफ्यूज भी कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी ने भूपेश बघेल के पास अब काम छोड़ दिया है या तो वे पाटन में अपना समय व्यतीत करें या तो विधानसभा में. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुद चुनावी बैठक में इस बात का भी प्रमाण है कि भारतीय जनता पार्टी किस तरह से छत्तीसगढ़ को महत्वपूर्ण समझ रही है.

बीजेपी ने चला बेहतर दांव
बीजेपी ने एक अच्छा दांव खेला है और कांग्रेस पर एक दबाव भी दिया है. अमतौर पर यह माना जाता है कि जो पहले टिकट की घोषण.करता है बाजी वही मार जाता है. अब देखना यह भी खास होगा कि कांग्रेस अपने पारंपरिक फार्मूले से ब्लॉक स्तर तक उम्मीदवारों को फॉर्म भरवाने का काम करती है या टिकट की घोषणा अगस्त महीने में ही कर देती है. क्या विकास से यह भी साफ होता है कि भारतीय जनता पार्टी और पूर्ण रूप से मैदान में उतर चुकी है.

कांग्रेस क्या करेगी जवाबी हमला?
यह भी देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इसका क्या जवाबी हमला करती है. जहां तक ​​महिलाओं को टिकट देने की बात है तो 5 महिलाएं हैं जो महत्वपूर्ण सीट भटगांव प्रतापपुर सरायपाली खल्लारी और खुज्जी से उतरेंगी. छत्तीसगढ़ एक पुरुष प्रधान राज्य नहीं माना जाता है,क्योंकि यहां आदिवासी 32% है और उनकी संस्कृति में लैंगिक आधार पर दोनों को ही समान सम्मान प्राप्त है. इसीलिये महिलाओं की प्रमुखता से उपस्थिति दिखाकरबीजेपी ने एक अच्छा मैसेज दे दिया है. कुल मिलाकर यह बीजेपी का एक मास्टर स्ट्रोक है.

अगर बाकी सीटों की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी ने राजनांदगांव जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह जो छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री दाऊ रमन सिंह के रिश्तेदार भी माने जाते हैं उन्हें खैरागढ़ से टिकट दिया गया है.इन नामो में एक नाम प्रबजोज भिंज का भी है जो एक सवाल चेहरा है और उन्हें एक SC सीट लुंड्रा से दिया गया है. आसाराम नेताम को कांकेर की रिजर्व सीट सेउतारा गया है, वही बस्तर की सीट से मनीराम कश्यप को उतारा गया है.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments