विश्व पर्यावरण दिवस:अदाणी फाउंडेशन ने लगाए 5500 फलदार पौधे संयत्र परिसर और ताराशिव के रीपा केंद्र में लगाए
तिल्दा नेवरा जिले के खरोरा तहसील में स्थित अदाणी पॉवर लिमिटेड, रायखेड़ा द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर पाँच दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विश्व पर्यावरण दिवस की इस वर्ष की थीम “भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखा लचीलापन” पर अदाणी पॉवर के पर्यावरण विभाग द्वारा पहली से 5 जून तक कर्मचारियों तथा ग्रामीण समुदायों के बीच विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई।
इस मौके पर ग्राम ताराशिव के रिपा केंद्र में पौधारोपण कार्यक्रम सहित जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अदाणी फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में कुल 5500 फलदार पौधे संयत्र परिसर तथा ग्राम ताराशिव के रिपा केंद्र में लगाए गए। इस दौरान आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में 120 बच्चों ने पर्यावरण में वृक्षों के महत्त्व को बताने वाले चित्र बनाकर कार्यक्रम में भाग लिया। साथ ही पर्यावरण दिवस के दिन 2500 फलदार पौधे अदाणी पॉवर के परिसर में रोपे गए, जबकि 3000 फलदार पौधों को ग्राम ताराशिव के रीपा केंद्र में लगाने के साथ साथ स्थानीय ग्रामीणों को भी पौधे भेंट किए गए, जिसे वे अपने घर या बाड़ी में रोपित करेंगे और उनकी देखभाल करेंगे। बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस पर अदाणी पॉवर, रायखेड़ा के स्टेशन हेड श्री श्रीकांत वैद्य ने पास के ग्रामों के सरपंचों और गणमान्य नागरिकों संग पौधारोपण किया।
इस मौके पर अदाणी पॉवर के स्टेशन हेड श्री वैद्य ने कहा, “विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्य रूप से प्लास्टिक प्रदूषण को हराना हमारा उद्देश्य है। हमारी इस पहल से विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर पौधे न केवल पर्यावरण की सुंदरता को बढ़ाएंगे, बल्कि महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का एक बेहतर स्रोत प्रदान करने के साथ ही पर्यावरणीय प्रथाओं को बढ़ावा तथा स्थानीय जैव विविधता को बढ़ावा देने के माध्यम से ग्लोबल वार्मिंग को कम करने का समग्र प्रयास करेंगें।”
विश्व पर्यावरण दिवस पर, अदाणी समूह वर्ष 2030 तक 10 करोड़ पेड़ लगाने के अपने मिशन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को गर्व से दोहराता है।अदाणी फाउंडेशन, अदाणी पावररायखेड़ा की सामुदायिक सहभागिता को ध्यान में रखते हुए सयंत्र के नजदीक से लगे ग्रामों में शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में सुधार के लिए पहल करता है। जिनमें नवोदय कोचिंग, बाला पेंटिंग, समर कैंप इत्यादि के माध्यम से बुनियादी शिक्षा में सुधार से बच्चों के भविष्य को संवारने का एक सफल प्रयास किया जा रहा है।