तिल्दा नेवरा 24 घंटे क्षमता अधिक भार वाली गाड़ियां चलने के कारण तिल्दा से लेकर सरोरा-साकरा गांव तक सड़क की हालत काफी जर्जर और दयनीय हो चुकी है. ऐसे में रोजाना राहगीरों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस सड़क मार्ग पर काफी जगहों पर गड्ढे ही गड्ढे हो गए हैं। इन बड़े गड्ढों में हमेशा हादसों का डर लगा रहता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि तिल्दा से सरोरा-साकरा गांव तक जाना बेहद मुश्किल हो गया है। यहां रोजाना हजारो लोगों की आवाजाही लगी रहती है।किसान नेता जिला पंचायत सभापति राजू शर्मा ने शासन से बरसात के पहले उक्त मार्ग का निर्माण के करने की मांग की है.
तिल्दा नेवरा से सरोरा-सकरा होते हुए यह सड़क सीधे राष्ट्रीय मार्ग से जुड़ती है.इस सड़क से 50 से भी अधिक गांव के लोगों की आवा जाही हमेशा बनी रहती है l10 साल पहले इस सड़क का निर्माण किया गया था. हालां कि उस समय इस सड़क से आने जाने वालों की संख्या काफी कम थी. लेकिन कारखाने खुलने के बाद जहां लोगों का आवागमन तेजी से बढ़ा ,है वहीं भारी वजन 60 टन माल भरकर निकलने वाली बड़ी-बड़ी गाड़ियां के कारण सड़क की हालात पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है l सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं बावजूद शासन के द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा हैl
किसान नेता ने कहा कि यहां से न केवल लोगों की आवाजाही रहती है बल्कि महाविद्यालय में पढ़ने वाली छात्र-छात्राओ के साथ तिल्दा अनुविभाग में तहसील व कोर्ट में बड़ी संख्या में लोग l कई बार यहां दुर्घटनाएं भी हो चुकी है 1 साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 10 किलोमीटर तिल्दा सरोरा साकरा मार्ग का चोडी कारण करने की घोषणा के बाद सरकार ने ध्यान नहीं दिया. अब तो भूपेश बघेल मुख्यमंत्री भी नहीं रहेl
राजू शर्मा ने बारिश के पहले उक्त मार्ग के निर्माण की मांग सरकार से की है. उन्होंने कहा कि यदि बारिश के पहले सड़क का निर्माण नहीं किया गया तो कई हद से हो सकते हैं क्योंकि सड़क पर उगे लंबे और गहरी हो चुके गड्ढों में पानी भर जाएगा जिससे हमेशा अप्रिय घटना घटने की संभावना बनी रहेगी