Thursday, December 26, 2024
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tilda ,150 रुपये का ये लालच कहीं खाली ना करा दे पूरा अकाउंट? साइबर ठगी का मायाजाल

तिल्दा नेवरा-साइबर ठगों ने लोगों के साथ फ्रॉड करने का एक नया तरीका इजाद कर लिया है. इसमें लोगों को यूट्यूब वीडियो लाइक करने और पार्ट टाइम जॉब के बदले पैसे कमाने का लालच दिया जाता है. इस लेटेस्ट साइबर फ्रॉड को जानने के लिए पढ़ें यह स्पेशल रिपोर्ट

मोबाइल नंबर श्रीलंका का था और वॉट्सऐप प्रोफाइल पर लड़की का फोटो लगा था. तारीख थी 7 नवंबर 2023.उस  दिन,नेवरा के रवि साहू के मोबाईल में वॉट्सऐप पर पहली बार किसी विदेशी नंबर से मैसेज आया.दरअसल,आए दिन लोगों के साथ हो रही ऑनलाइन धोखाधड़ी को देखते हुए रवि ने साइबर ठगों की पोल खोलने का फैसला किया.मैसेज करने वाले ठग को शक ना हो इसलिए उसने मैसेज का रिप्लाई एक दिन बाद करने का सोचा,लेकिन अगले ही दिन  8 नवंबर की सुबह 7 बजे दोबारा मैसेज आया. इस बार पूछा गया कि क्या हमसे बात हो सकती है? जरूरी काम है

‘नमस्ते, मेरा नाम रानी है. मैं किकस्टार्ट लिमिटेड कंपनी से हूं.’ रिप्लाई करने के 30 सेकेंड बाद ही जवाब आ गया. रानी ने रवि से कहा,’किकस्टार्ट कंपनी उन YouTube मर्चेंट्स के लिए काम करती है, जो अपने चैनल या वीडियो को प्रमोट कराना चाहते हैं. वीडियो Like कराने के बदले कंपनी अच्छी रकम अदा करती है.’रानी ने रवि से  पूछा कि क्या आप भी ये काम करना चाहेंगे. हर Video लाइक करने के बदले 50 रुपये मिलेंगे. लालच देते हुए रानी ने दावा किया कि इस पार्ट टाइम काम से दो हजार से लेकर 2,700 रुपये तक रोजाना कमाए जा सकते हैं.

बातों के सिलसिले में रानी ने  स्टेप बाय स्टेप आगे बढ़ेते हुए योजना कि जानकारी दी .रवि ने भी  इस काम को करने में रुचि दिखाई. अगला मैसेज आया, ‘आपको 3 वीडियो टास्क के तौर पर दिए जा रहे हैं.इन्हें लाइक करने के बाद YouTube चैनल को सब्सक्राइब करना है और इसका स्क्रीनशॉट लेकर हमें वापस भेजना है. टास्क पूरा करने के बाद उसने  रानी को स्क्रीनशॉट भेज दिए. तब रानी ने आखिरी टास्क पूरा करने के लिए कहा . एक टेलीग्राम ग्रुप का लिंक देकर रानी ने हमसे उसमें जुड़ने के लिए कहा. जैसे ही हम किकस्टार्ट कंपनी के टेलीग्राम चैनल से जुड़े, रिसेप्शनिस्ट नाम के टेलीग्राम अकाउंट ने हमसे नाम, अकाउंट नंबर, प्रोफेशन और लोकेशन पूछा गया.

दस दिन में पैसे डबल होने का लालच

टेलीग्राम मैसेज के जवाब में हमने सारी जानकारी दे दी, हालांकि नाम और बैंक अकाउंट नंबर छोड़कर रवि ने सब कुछ गलत ही बताया

रवि ने  जिस बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया, उसे वह  लंबे समय से इस्तेमाल नहीं कर रहा था . डिटेल शेयर करने के 10 मिनट बाद हमारे खाते में 150 रुपये आ गए. पैसे खाते में आते ही रानी ने हमसे कहा,’अगर और पैसे कमाना चाहते हो तो किकस्टार्ट लिमिटेड कंपनी में इन्वेस्टमेंट करना होगा.’ कितना… पूछने पर हमें बताया गया कि हम 2 हजार रुपये से लेकर 4 लाख रुपये तक इन्वेस्ट कर सकते हैं.हमें बताया गया कि कंपनी की ग्रोथ इतनी ज्यादा है कि जितने भी पैसे हम लगाएंगे, वह 10 दिन के अंदर दोगुने होकर वापस मिलेंगे. इसके अलावा Video लाइक करने के बदले भी पैसे मिलते रहेंगे.

ग्रुप में जुड़ते ही आने लगे लोगों के स्क्रीनशॉट

जिस टेलीग्राम ग्रुप से रवि को जोड़ा गया,उसमें करीब 50 लोग पहले से थे. एक के बाद एक सब अपनी कमाई का स्क्रीनशॉट ग्रुप में पोस्ट करने लगे. स्क्रीनशॉट देखकर ऐसा लग रहा था कि उस दिन लोगों ने एक ही दिन में 5 से लेकर 15 हजार रुपये तक कमाए हैं. हालांकि, लगातार इतने लोगों के स्क्रीनशॉट आने से दिमाग में शक भी पैदा हो रहा था. एक तरफ WhatsApp पर रानी तो दूसरी तरफ टेलीग्राम पर रिसेप्शनिस्ट नाम के अकाउंट से लगातार मैसेज आने लगे. दोनों ही हमारे ऊपर इन्वेस्टमेंट का दबाव बना रहे थे.

सर्च करने पर फर्जी निकला कंपनी का नाम

इन्वेस्टमेंट की भारी डिमांड आने के बाद रवि ने कंपनी के बारे में इंटरनेट पर सर्च किया. सर्चिंग में पता चला कि कीस्टार्ट लिमिटेड नाम की जो कंपनी है वह ब्रिटेन (UK) में रजिस्टर्ड थी. कंपनी के बारे में और डीटेल खंगालने पर पता चला कि ये कंपनी तो इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम करती है, ना की और पब्लिक रिलेशन के फील्ड में. इस बीच लगाताररवि के  पास रानी और रिसेप्शनिस्ट अकाउंट से मैसेज आते रहे, लेकिन उसने ने उनका कोई जवाब नहीं दिया. किकस्टार्ट कंपनी के ठगों के जरिए रवि का  नंबर दूसरे ठगों के पास भी पहुंच गया. जिसके चलते एक के बाद एक अलग-अलग नंबरों से मैसेजेस की बाढ़ आ गई.

एक हफ्ते में 9 ठगों से वसूल लिए हजारों रुपये

कभी पाकिस्तान, कभी नेपाल, कभी दक्षिण अफ्रीका तो कभी भारत के अंदर से ही लगातार हमारे पास मैसेज आने लगे.दो दिन बाद रवि ने एक नंबर पर रिप्लाई कर दिया. प्रोसेस पुरानी ही थी, लेकिन इस बार कंपनी का नाम किकस्टार्ट नहीं बल्कि विस्टा नोशन था. इस कंपनी ने भी रवि के अकाउंट में 150 रुपये ट्रांसफर किए और फिर पैसे इन्वेस्ट करने की डिमांड करने लगी. एक हफ्ते के अंदर हमने इस तरह के करीब 9 ठगों से 150 से लेकर 900 रुपये तक वसूल लिए. फिर अचनाक 11 नवंबर को उसके पास टेलीग्राम पर ही इशानिका नाम की ID से मैसेज आया.इशानिका ने अपनी कंपनी का नाम होपर (Hopper) बताया और कहा,’हमारी कंपनी बड़ी-बड़ी होटल्स का पेड रिव्यू कराती है और रिव्यू करने वाले व्यक्ति को प्रति रिव्यू 50 रुपये मिलते हैं.’

इशानिका ने कहा कि वह हमसे ट्रायल के तौर पर 18 रिव्यू कराएगी और उसके बदले हमें 900 रुपये मिलेंगे. पहले हमसे एक वेबसाइट पर साइन अप करवाया गया और साइन करवाया गया और साइन अप करते ही उस वेबसाइट पर एक के बाद एक हमने 18 अलग-अलग होटल्स के रिव्यू किए. हर एक होटल का रिव्यू करने के बाद हमारे लॉग इन अकाउंट से 50 रुपये का बैलेंस बढ़ता जाता था. 18वां रिव्यू करने के बाद हमारे अकाउंट में 900 से ज्यादा रुपये हो गए. इशानिका की बताई प्रोसेस के मुताबिक हमने इन पैसों को अकाउंट में ट्रांसफर कर लिया और एक घंटे के अंदर हमारे अकाउंट में पैसे आ भी गए. लेकिन असली खेल इसके बाद शुरू हुआ.

इन्वेस्ट करने वाले को जिस टेलीग्राम ग्रुप से जोड़ा जाता है, उसमें सभी ठग गैंग के लोग होते हैं. वे हर मिनट ऐसे स्क्रीनशॉट ग्रुप में डालते हैं, जिससे लगे कि इन्वेस्टर्स को बहुत फायदा हो रहा है. इन ठगों का नेटवर्क इतना बड़ा होता है कि पुलिस को भी पता करने में काफी मशक्कत होती है. ठगी के ज्यादातर मामले 2 हजार से लेकर 20 हजार रुपये तक होते हैं. इसलिए अधिकतर लोग पुलिस में शिकायत ही नहीं करते. अगर एक बार भी किसी शख्स का डाटा किसी किसी एक भी ठग के पास चला जाता है तो वे लोग आपस में ही इसे एक-दूसरे से शेयर करते रहे हैं. इसलिए छोटे लालच में पड़कर अपना पर्सनल डेटा देने से बचना चाहिए..

जब इस बारे में टीआईसे बात की तो उन्होंने कई चौंकाने वाली बातें बताईं. उन्होंने कहा,’कोविड के बाद से इस तरह की ठगी बहुत.ज्यादा बढ़ गई है, जिसमें छोटे प्रलोभन देकर लोगों से उनका पर्सनल डेटा ले लिया जाता है. ऐसे ठग ज्यादातर राम की टोपी श्याम के सिर और श्याम की टोपी किसी तीसरे के सिर पर यानी जब आप इन कंपनियों में छोटा-मोटा इंवेस्ट करते हैं तो इस पैसे को वह किसी दूसरे शख्स के अकाउंट में उनका प्रॉफिट दिखाकर सफर कर देते हैं,ताकि पुलिसकेस बनने पर लोग आपस में ही उलझ जाएं.

छोटे प्रलोभनों में पड़ने से सभी को बचना चाहिए

अगर आप अपना अकाउंट नंबर या पर्सनल डेटा ठगों को दे रहे हैं तो अपना सबसे बड़ा नुकसान कर रहे हैं. जब हम इस तरह के किसी ठग को अपनी पर्सनलडीटेल देते हैं तो वह फर्जी ट्रांजेक्शन करने और अकाउंट से पैसे निकालने के अलावा आपको झूठे केस में भी फंसा सकता है. ऐसी कंडीशन में आपके अकाउंट नंबर से कोई ट्रांजेक्शन होता है तो कानून यही मानेगा की उसमें आपकी सहमति थी. अगर ट्रांजेक्शन गैरकानूनी है तो उसकी सजा भी आपको ही भुगतनी पड़ेगी. इसलिए कोशिश करना चाहिए कि इस तरह के छोटे प्रलोभनों में ना पड़ें.

टीआई मुकेश शर्मा थाना तिल्दा नेवरा

 

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