इंदर कोटवानी
तिल्दा नेवरा -गरबा की ताल, डांडिया की खनक और सतरंगी परिधान के साथ सार्वजनिक दुर्गाउत्सव गरबा महोत्सव 2023 का आगाज 19 से 22 अक्टूबर तक दुर्गा बाडा ग्राउंड पर आयोजित होगा,18 साल से आयोजित हो रहे इस महोत्सव का तिल्दा शहर ही नहीं आसपास के पूरे इलाके को बेसब्री से इंतजार है,जैसे-जैसे महोत्सव नजदीक आ रहा है गरबा लवर्स का उत्साह बढ़ता जा रहा है.. फैमिली और दोस्तों के साथ ग्रुप में डांडिया खनकाने और गरबा की ताल पर झूमने के लिए लोग डिजाइनर से अलग-अलग थीम पर आउटफिट्स तैयार करवा रहे हैं..।
तिल्दा सिंधी पंचायत हाल में सार्वजनिक दुर्गा उत्सव गरबा के पार्टिसिपेंट्स की वर्कशॉप चल रही है, प्रशिक्षकों के द्वारा लगातार प्रशिक्षण दिया जा रहा है ,गरबा और डांडिया की पांच लाल प्राचीन और अर्वाचीन. स्टेप्स हैक फ्री स्टाइल राजस्थानी, घूमर, पंजाबी, भांगड़ा जैसे सभी राज्यों के डांस के बाद महा आरती की प्रैक्टिस कराई गई.. आयुष कोटवानी केनिर्देशन में आयोजित गरबा महोत्सव की तैयारी में जुटे सागर पंजवानी.मोंटू माधवन.सोनू हिंदूजा ने बताया कि वर्कशॉप पूर्ण होने के बाद करीब 150 पार्टिसिपेट का अंतिम चयन किया गया है ..जो नॉर्मल आरती से शुरू होकर ओम. पंखुड़ी डमरू स्वास्तिक के साथ महा आरती का रूप लेगी जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा।
कपल के साथ प्रतिवर्ष गरबा में भाग लेने वाले सोनू हिंदूजा ने बताया कि इस साल प्रतिभागियों में दुर्गा बाडा मेंआयोजित गरबा महोत्सव में गरबा करने के लिए एक अलग ही उत्साह देखा जा रहा है.. डाली हरिरामानी, रानी कोटवानी, कोयल नहिचलानी. डिंपल पंजवानी ने बताया कि इस बार गरबा ग्राउंड में 500 से भी अधिक प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं।
रानी कोटवानी ने बताया कि इस बार 8 हजार फिट के बड़े गोले में में कपल के साथ 50 से भी अधिक प्रतिभागी पूरे परिवार केसाथ , जिसमें 5 साल के बच्चे से लेकर 70 साल के उम्र दराज के महिला पुरुष भी गरबा करते दिखेंगे..मीना तालरिया ने कहा कि इस तरह के आयोजन से.उम्र दराज माता-पिता साथ सास-ससुर भी काफी उत्साहित है..
आकर्षक दुर्गा पंडाल..
सार्वजनिक दुर्गोत्सव समिति पिछले 44 सालों से नवरात्र पर्व धूमधाम से मानता आरहा है.इस साल पंडाल को आकर्षक रूप से सजाया जा रहा है सामने 8000 फीट का गोला बनाया गया है,जिसमें प्रतिभागी फैमिली और दोस्तों के साथ ग्रुप में डांडिया खनखानने के साथ गरबा की ताल पर माता के चरणों में झूमेंगे.गोले को भी सतरंगी लाइट के साथ सजाया जा रहा है.यहाँ एकखासियत यह भी है कि जब समिति का गठन किया गया था. इनमे ज्यादातर सदस्यो कि उम्र 20 और 22 साल थी, लेकिन अब उनकी उम्र 65 से 70 साल तक पहुंच चुकी है.लेकिन उत्सव मनाने के लिए आज भी जोश 45 साल पुराना जैसा ही है..इतना ही नहीं जो युवतियां दुर्गा पंडाल में माता की सेवा में गरवा करने आती थी आज वे भी बच्चों की माएं बन चुकी है, इनमें कई ऐसे युवक युवतियाँ है. जो सास ससुर बन चुके हैं और वे अपने नाती पोतो के साथ माँ दुर्गा के चरणों में हाजिरी लगाने आते हैं..|