कोरबा-कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा कोरबा के सितामणि चौक से शुरू हो गई है। आज राहुल 12 किलोमीटर की बस यात्रा भी करेंगे। यात्रा का अगला पड़ाव ट्रांसपोर्ट नगर होगा, जहां से राहुल 5 किलोमीटर की पद यात्रा करेंगे।
ट्रांसपोर्ट नगर से छुरी कोसा मोर्केट की ओर आगे बढ़ेंगे। छुरी कोसा मोर्केट राहुल की न्याय यात्रा 20 किलो मीटर की पदयात्रा करेगी साथ ही मार्केट में राहुल बुनकरों से मुलाकात करेंगे। कटघोरा चौक से यात्रा 29 किलोमीटर की होगी। यहां वो कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे।
बरपाली तानाखर में लंच के बाद 7 किलोमीटर बस यात्रा करते हुए राहुल की गुर्सीय, चोटिया और मोरगा गांव में 3 छोटी-छोटी सभाएं होंगी। 71 किलोमीटर बस यात्रा के बाद सूरजपुर के शिव नगर ग्राम पंचायत में यात्रा का रात्रि विश्राम होगा।
नफरत और हिंसा अन्याय के कारण बढ़ रही- राहुल
ट्रांसपोर्ट नगर चौक पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि नफरत और हिंसा अन्याय के कारण बढ़ रही है। लोगों ने कहा इसका कारण बेरोजगारी, महंगाई और डर है, इसलिए हमने यात्रा में न्याय शब्द जोड़ा।अरबपति भी उतना ही टैक्स दे रहा है जितना आम आदमी दे रहा है। GST का पैसा आपकी जेब से सरकार के पास जाता है। सरकार आपके GST का पैसा ठेके जरिए अडानी को दे रही है। आप GST भर रहे हैं और आपका पैसा वही 2-3 लोगों के पास जा रहा है।
राहुल गांधी ने वहां मौजूद एक कार्यकर्ता के मोबाइल को लेकर कहा है ये मोबाइल चाइना का है। ऐसे मोबाइल अडानी और अंबानी बनाते हैं जिससे उन्हें और चाइना को फायदा हो रहा है।
एक बार फिर OBC के बहाने पीएम मोदी पर हमला
राहुल गांधी ने एक बार फिर OBC वर्ग का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि देश में 50 फीसदी OBC हैं, दलित 16 फीसदी हैं और आदिवासी 8 फीसदी हैं। यानी कुल 74 फीसदी में अडानी-अंबानी की कंपनियों में इनमें से कितने हैं। मैंने आंकड़ा निकाला है इनमें से कोई नहीं है। देश की 2 सौ बड़ी कंपनियों का कोई मालिक न OBC है न दलित है और न आदिवासी है। सीनियर मैनेजमेंट में भी इस वर्ग का कोई नहीं है।
देश का बजट 90 अफसर बांटते हैं
दिल्ली में बैठकर देश का बजट बनाने वाले 90 अफसरों में से 3 OBC, 1 दलित और 1 आदिवासी है। 74 फीसदी आबादी बजट का 6 फीसदी ले पाती है। बीजेपी कहती है हिंदू राष्ट्र और 74 फीसदी को कुछ नहीं मिल रहा है।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में कोई गरीब नहीं दिखा
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कोई किसान, गरीब नहीं पहुंचा। जबकि बड़े-बड़े पूंजीपति और सेलिब्रिटी को आमंत्रण मिला था। ये 74 फीसदी लोगों के पास कुछ नहीं बचा है। या तो थाली बजानी है या मोबाइल फोन दिखाना है।