रायपुर-कस्टम राइस मिलिंग घोटाले में मंगलवार को ED ने राइस मिलर्स एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकार को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया। 5 दिन की रिमांड पूरी होने के बाद मंगलवार को सुनवाई हुई।
दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद विशेष न्यायधीश अतुल श्रीवास्तव ने 27 मई तक 6 दिनों के लिए रोशन चंद्राकर को ED रिमांड पर भेजा है। इस मामले में अगली पेशी 27 मई को होगी।
ED दफ्तर में पूछताछ
ED के वकील सौरभ पांडेय ने बताया कि दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने रोशन चन्द्राकार को 27 मई तक कस्टोडियल रिमांड पर ED को सौंपा है। पांडेय ने बताया कि कस्टम मिलिंग मामले में लगातार प्रवर्तन निदेशालय से संबंधित लोगों को समंस भेज कर ED दफ्तर बुला रही है।
इस केस में मार्कफेड दफ्तर से जुड़े कर्मचारियों और राइस मिलर्स एसोसिएशन से जुड़े लोगो को बुलाकर स्टेटमेंट रिकॉर्ड किए गए हैं।
एसोसिएशन में कोषाध्यक्ष रहते रोशन चंद्राकर लेवी वसूलता और अफसरों को जानकारी देता था। जिन मिलर्स से कमिशन के रुपए नहीं मिलते उनका भुगतान रोक दिया जाता था। कारोबारियों के अनुसार, अफसरों को हर काम का पैसा देना पड़ता था।
ED की जांच में ये पाया गया कि, तत्कालीन जिला मार्केटिंग ऑफिसर प्रीतिका पूजा केरकेट्टा को मनोज सोनी ने रोशन चंद्राकर के माध्यम से निर्देश दिया था। इसमें कहा गया था कि उन्हीं राइस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाना है, जिन्होंने वसूली की राशि रोशन चंद्राकर को दे दी है।
किन राइस मिलर्स को भुगतान किया जाना है, इसकी जानकारी संबंधित जिले के राइस मिलर्स एसोसिएशन के जरिए मिलती थी। रोशन चंद्राकर जिन मिलर्स की जानकारी प्रीतिका को देता थे, उनका भुगतान कर बाकी मिलर्स की राशि रोक दी जाती थी।
कस्टम मिलिंग मामले में हुई भ्रष्टाचार की जांच और मनोज सोनी की गिरफ्तारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने राइस मिलर्स को समंस जारी किया है। वहीं, एसोसिएशन से जुड़े कई लोगों ने ED दफ्तर पहुंच कर अपने बयान दर्ज कराए हैं। पूछताछ में सहयोग नहीं करने और समंस के बाद भी नहीं आने वाले अधिकारियों और एसोसिएशन से जुड़े लोगों को जल्द ही ED गिरफ्तार कर सकती है।
20 अक्टूबर 2023 को ED ने छापा मारा था। ED ने अपने ऑफिशियल X अकाउंट पर लिखा कि, 20-21 अक्टूबर को मार्कफेड के पूर्व MD, छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स संगठन के कोषाध्यक्ष और कुछ सदस्यों, राइस मिलर्स और कस्टम मिलिंग से जुड़े लोगों के घर पर जांच की गई।
चावल घोटाले से जुड़ी इस जांच में कई संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस भी मिले है जिसकी जांच चल रही है।