Thursday, November 21, 2024
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इस बार सावन मास पर अनूठा योग-संयोग. सावन का शुभारंभ व समापन भी सोमवार को ही.

तिल्दा नेवरा-सावन मास का 22 जुलाई से शुभारंभ हो रहा है जो 19 अगस्त तक रहेगा इस बार सावन मास पर खास योग सहयोग बना रहे हैं। 4 साल बाद सावन का शुभारंभ भी सोमवार से ही हो रहा है और समापन के दिन भी सोमवार ही पड़ रहा है ऐसा योग सहयोग इससे पहले 2017 और 2020 में भी बना था 2024 के बाद आगे 2027 में पांच सोमवार सावन मास में आएंगे।
ज्योतिषाचार्य पंडित संतोष शर्मा ने बताया कि सावन के पहले दिन भी सोमवार आ रहा है और अंतिम दिन भी सोमवार है। वहीं इस बार सावन माह में पांच सोमवार भी पढ़ रहे हैं. जो शुभ माना गया है।शिव जी की आराधना के लिए वैसे तो सावन मास सबसे पवित्र मास माना जाता है, सोमवार को विशेष पुण्य दिन माना गया है। इसमें पार्थिव शिवलिंग का अभिषेक सभी मनोरथों को पूर्ण करता है।
शास्त्रों की मान्यता है कि श्रद्धालु सावन सोमवार का व्रत रखता है. अभिषेक करता है. उसका पारिवारिक जीवन सदैव सुखी रहता है।साथ ही व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि का कभी आभाव नहीं रहता। सावन में भगवान शिव की पूजा करने से वह जल्दी प्रसन्न होते हैं. सावन महीने की शिवरात्रि बहुत खास होती है। हर महा कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है ।2 अगस्त को सावन मास की शिवरात्रि पड़ेगी।
बिल्व पत्र, धतूरा, दूध. पंचामृत और पवित्र जल से होगा अभिषेक..

पंडित पवन शास्त्री रीवा वाले ने बताया कि सावन मास में आशुतोष भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है जो प्रतिदिन पूजा अर्चना नहीं कर पाए वह सोमवार के दिन भगवान को आराधना कर सकते हैं। बिल्व पत्र, धतूरा, दूध,पंचामृत व पवित्र जल से अभिषेक करना चाहिए। रूद्र पाठ या शिव चालीसा, ओम नमः शिवाय मंत्र. का जाप करना चाहिए। इस बार सावन मास में विशेष संयोग बन रहा है शिव के प्रिय मास में पांच बार सोमवार आ रहे हैं। इस सावन मास की शुरुआत वह समापन भी सोमवार को ही होगा। 25 जुलाई को नाग पंचमी. 1 अगस्त प्रदोष व्रत. 4 अगस्त को हरियाली अमावस्या.17 अगस्त को शनि प्रदोष. 19 अगस्त को श्रावणी पूर्णिमा और रक्षाबंधन.

कथावाचक पंडित प्रदीप चौबे ने बताया कि, 2023 में सावन अधिमास होने से 8 सोमवार आए थे। इस बार सावन में पांच सोमवार आ रहे हैं। इससे पहले 2020 में ऐसा ही संयोग बना था।नाग पंचमी. प्रदोष. व पांच सोमवार सावन मास में आने से शिवजी की विशेष पूजा अर्चना करना फलदाई माना गया है। इस विशेष दिनों में शिव आराधना करने से सभी मनोरथ पूरे होते हैं। वैसे संपूर्ण सावन मास ही शिव पूजा के लिए पवित्र माना गया है।
सावन मास के व्रत की तिथि

22 जुलाई को पहला सोमवार

29 जुलाई को दूसरा सोमवार

5 अगस्त को तीसरा सोमवार

12 अगस्त को चौथा सोमवार

19 अगस्त को पांचवा सोमवार

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