स्कूल में पढ़ाने के लिए टीचर्स की कमी की शिकायत लेकर महासमुंद जिले के अमलोर हाई स्कूल के छात्र सीएम हाउस तक पहुंच गए।रायपुर के सिविल लाइंस स्थित CM हाउस के गेट पर कॉपी-किताब और बैग रखकर स्टूडेंट्स ने शिक्षकों की मांग की। वहीं सरकार की ओर से उन्हें आश्वासन दिया गया की शाम तक शिक्षकों की नियुक्ति कर दी जाएगी। जिसके बाद बच्चे महासमुंद वापस लौट गए।
जानकारी के मुताबिक महासमुंद जिले के शिवपुर ब्लाक में अमलोर गांव के कुछ ग्रामीण और स्कूली बच्चे आज सुबह-सुबह रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास पहुंचे। वे जिस स्कूल में बच्चे पढ़ते है वहां सिर्फ एक ही शिक्षक पढ़ाते हैं। तमाम स्कूलों में बच्चों के बैठने से लेकर पेयजल तक की व्यवस्था तक नहीं हैं। यहां तक की एक स्कूल महज शिक्षामित्र के सहारे चल रहा है। पढ़ाई का जिम्मा और स्कूल की व्यवस्था यहां एक ही शिक्षक के सहारे टिकी है।
स्टाफ न होने की वजह से दो-दो कक्षाओं के बच्चों को एक कमरे में बिठाकर पढ़ाया जा रहा है। वहीं सरकार ने बच्चों की परेशानी को देखते हुए उन्हें आश्वासन दिया है। शिक्षा विभाग से जल्द ही शिक्षकों की नियुक्ति कर दी जाएगी।
यहां पहुंचे छात्रों का कहना है शिक्षक नहीं होने के कारण उनकी पढ़ाई लगातार प्रभावित हो रही है। जिसे लेकर वे जिला शिक्षा अधिकारी, कलेक्टर और शिक्षा मंत्री से पत्राचार के माध्यम से अपनी मांग कर चुके हैं लेकिन नया सत्र शुरू हो गया है उनकी मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है। छात्र और पालक अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं अगर पिछले सत्र की तरह इस साल भी शिक्षक नहीं मिले तो पढ़ाई ध्वस्त हो जाएगी।
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने वीडियो शेयर कर ट्वीट करके लिखा है कि, यह मुख्यमंत्री आवास के दरवाजे पर पड़े बस्ते और किताबें इस बात का प्रमाण है कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा ऐसे ही कांग्रेसी कुशासन के दरवाजे पर लाचार पड़ी है। पहले दाऊ इन बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करेंगे, फिर इनसे गोबर उठवाएंगे और आखिरी में बेरोजगारी भत्ते का लालच देकर प्रदेश को अशिक्षा के अंधकार में धकेल देंगे।