छत्तीसगढ़ सरकार ने आचार संहिता लगने से ठीक पहले करोड़ों के काम जनता के नाम किए हैं”’। सोमवार को दोपहर 3 बजे राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा चुनाव की घोषणा कीगई इससे पहले ही 11 से 12 बजे के बीच 2 बड़े आयोजनों में योजनाओं को लॉन्च किया गया जबकि 425 करोड़ से ज्यादा के कामों का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया…। सफाई कर्मी महिलाओं का मानदेय बढ़ा दिया गया है माना जा रहा है कि निकाय चुनाव से ठीक पहले भाजपा सरकार शहरी और ग्रामीण वोटर्स काे ध्यान में रखकर ये घोषणाएं की है।
भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना में भूमिहीन कृषि मजदूरों के साथ वनोपज संग्राहक भूमिहीन परिवार, चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी आदि पौनी-पसारी से जुड़े भूमिहीन परिवार भी शामिल हैं अब इस योजना में अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासियों के देवस्थल में पूजा करने वाले पुजारी, बैगा, गुनिया, मांझी परिवारों को भी शामिल किया गया है।
सिविल लाइंस के न्यू सर्किट हाउस में योजना की लॉन्चिंगकी गई योजनाओ के बाद मुख्यमंत्री दीनदयाल ऑडिटोरियम पहुंचे…. CM NEयहां 425 करोड़ के प्रोजेक्ट जनता के नाम किए इसमें 270 करोड़ के 6 वॉटर सप्लाई प्रोजेक्ट 155 करोड़ .38 लाख के 813 कामों का शिलान्यास, 15.करोड़ 25 लाख के 70 कामों का लोकार्पण किया गया।
कार्यक्रम में स्वच्छता दीदियों का सम्मान भी किया गया। नगरीय निकायों में काम करने वाले ऐसे कर्मचारी जिनका निधन हुआ, उनके परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति का आदेश सौंपा गया। 353 नए पद भी मंजूर किए गए हैं।
मिशन क्लीन सिटी के तहत क्लीन टायलेट कैंपेन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 14 नगरीय निकायों अंबिकापुर, छुरा, छुरिया, डोंगरगढ़, कोरबा, महासमुंद, रायपुर, राजनांदगांव, बिलासपुर, मंदिर हसौद और चंदखुरी को सम्मानित किया गया। स्वच्छ भारत मिशन में प्रदेशभर के नगरीय निकायों में 9हजार 232 स्वच्छता दीदियां काम कर रही हैं। ये रोजाना डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन और उससे जुड़े काम में लगी हुई हैं।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में स्वच्छता दीदियों का मानदेय प्रतिमाह 800 रुपए बढ़ाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों में स्वच्छता और डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करने में स्वच्छता दीदियों का बड़ा योगदान है। इनके लगन और मेहनत से ही स्वच्छता मिशन सफल हो पा रहा है।
9 हजार से ज्यादा स्वच्छता दीदी को 7हजार 200 रुपए मानदेय दिया जाता है। इसमें अब 800 रुपए बढ़ाकर 8 हजार रुपए मानदेय किया गया है। दीनदयाल ऑडिटोरियम में हुए इस कार्यक्रम का नाम नगरीय विकास के सोपान कार्यक्रम रखा गया था।