चुनाव आयोग ने सोमवार को छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों में चुनाव तारीखों का ऐलान कर दिया है। छत्तीसगढ़ में 2 चरणों में चुनाव होंगे। पहले चरण में 7 नवंबर और दूसरे चरण में दिवाली के 5 दिन बाद 17 नवंबर को मतदान होगा।
छत्तीसगढ़ में पहले चरण की 20 सीटों पर होने वाली वोटिंग के लिए नामांकन दाखिले की प्रक्रिया 13 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी.इसी दिन से प्रत्याशी नामांकन दाखिल करेंगे. नामांकन की आखिरी तारीख 20 अक्टूबर होगी, 21 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 23 अक्टूबर तक नाम वापसी लिए जा सकेंगे.. इसी तरह दूसरे चरण मैं होने वाले 70 सीटों पर वोटिंग के लिए 21 अक्टूबर से नामांकन दाखिल की प्रक्रिया शुरू होगी. जबकि नामांकन की आखिरी तारीख 30 अक्टूबर होगी. 31 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 2 नवंबर को नाम वापसी की आखिरी तारीख होगी मतदान 17 नवंबर को होगा दोनों चरण के नतीजे एक साथ 3 दिसंबर को आएंगे। ऐसे में आज से 55 दिन बाद प्रदेश में नई सरकार की तस्वीर साफ होगी ।
7 नवंबर को पहले चरण में 20 सीटों पर वोटिंग होगी, जिसमें बस्तर संभाग की 12 और राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र की 8 विधानसभा सीटें शामिल हैं। वहीं दूसरे चरण में बाकी 70 सीटों पर मतदान होगा।
पहले चरण की 13 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं। इनमें बस्तर संभाग की जगदलपुर सीट के अलावा सभी 11 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। वहीं डोंगरगढ़ सीट अनुसूचित जाति और मोहला मानपुर अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।
पिछली बार 66 दिन लगे, इस बार 55 दिन
इस बार चुनाव पिछली बार से पहले हो रहे हैं। पिछली बार आचार संहिता 6 अक्टूबर 2018 को लगी थी, चुनाव 12 नवंबर और 20 नवंबर को हुए थे। 11 दिसंबर को रिजल्ट जारी हुआ था। शपथ ग्रहण 17 दिसंबर को हुआ था। पिछली बार आचार संहिता के बाद कुल 66 दिन लगे थे नई सरकार बनने में, इस बार 55 दिन लगेंगे।
आचार संहिता में यह बंदिशे लागू रहेगी
नए जिलों का नोटिफिकेशन नहीं हुआ है. अब नहीं सरकार ही फैसला करेगी.
नई सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की घोषणा नहीं हो सकेगी.
मंत्री विधायक सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे
सरकारी योजनाओं के बैनर पोस्टर्स सरकारी वेबसाइट से मुख्यमंत्री और अन्य राजनेताओं के पोस्टर हटाए जाएंगे
किसी भी प्रोजेक्ट का सिलेबस या उद्घाटन नहीं हो सकेगा
आचार संहिता का इन कामो पर नहीं पड़ेगा असर..
जो सरकारी योजना शुरू हो चुकी है उनका लाभ मिलता रहेगा,
सरकार कोई तबादला नहीं कर पाएगी. लेकिन चुनावआयोग अफसर के ट्रांसफर कर सकेगा.
मुख्य मंत्री. मंत्री रूटिंन काम ही कर सकेंगे, सरकारी दफ्तर में जनता से जुड़े सामान्य काम पहले जैसे ही चलते रहेंगे. इमरजेंसी हालात में चुनाव आयोग की मंजूरी से बड़े फैसले हो सकेंगे|