तिल्दा नेवरा -फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन और जीएसटी चोरी से सरकार को बड़ा नुकसान हो रहा है. इसे देखते हुए अधिकारी फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन का पता लगाने और फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के दावे का गलत फायदा उठाने वाले धोखेबाजों की तलाश कर रही है | ऐसे लोग माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के मंच पर फर्जी रजिस्ट्रेशन कराने के बाद उसके आधार पर धोखेबाज फर्जी रसीदों के सहारे आईटीसी के दावे करते हैं और किसी भी तरह की सेवा या उत्पाद की आपूर्ति के बगैर ही वह राशि अपने खाते में जमा करा लेते हैं.
एक वित्त वर्ष में तिल्दा में करोडो की टैक्स चोरी
वित्त वर्ष 2022-23 में तिल्दा नेवरा में 10 करोड रुपये से अधिक की जीएसटी टैक्स चोरी होने का अनुमान है. इसे देखते हुए टैक्स अधिकारियों ने फर्जी रजिस्ट्रेशन पर नकेल कसने की कवायद शुरू की है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा-शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के जीएसटी नीति प्रकोष्ठ का एक दल तिल्दा पहुचा था |कुछ दुकानदारो से फर्जी बिलों के संधर्भ में पुछताछ की|बताया जाता है कि ज्यादातर फर्जी बिल राइस मील और हार्डवेयर से संबंधित है। फर्जी बिल के धंधे से जुड़े बेइमान लोग फर्जी आईटीसी का लाभ लेने के लिए फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन और फर्जी रसीदें जारी कर संदिग्ध और जटिल लेनदेन के जरिये सरकार को राजस्व का भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं.’’
कैसे होगी जांच, कैसे चलेगा अभियान?
केंद्र एवं राज्यों के सभी कर विभागों ने 16 मई से 15 जुलाई तक चलने वाला एक विशेष अभियान शुरू किया है. इस दौरान संदिग्ध जीएसटी खातों की पहचान करने के साथ ही फर्जी बिलों को जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) से बाहर करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे. इनमें से फर्जी रजिस्ट्रेशन की पहचान के लिए जीएसटीएन पर विस्तृत आंकड़ा विश्लेषण और जोखिम मानकों का सहारा लिया जाएगा.बताया जाता है कि ज्यादातर फर्जी बिल राइस मील और हार्डवेयर से संबंधित है। हालांकि फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराकर बिलो का होने वाला गोरखधंधा पूरे देश में चल रहा है इसके लिए जून से 15 जुलाई तक एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है|
ऐसे इस तरह के गोरख धंधे से जुड़े लोग अधिकारियों से मिलकर ही अपना व्यवसाय करते हैं.|लेकिन अधिकारयो को इनपुट के साथ जो फर्जी बिल हाथ लगे हैं उनके सीधे तिल्दा नेवरा से जुड़े हुए है सरे बिल भी तिल्दा के विभिन्न फर्मो के नाम काटे गए हैं.. बिल मिलने के बाद जब अधिकारियों ने इसकी जांच की तो वे हक्के बक्के रह गए.. फर्जी बिलों के माध्यम से 10 करोड़ से भी अधिक कि जीएसटी चोरी की गई है.. शहर में इस बात की भी चर्चा है कि जिनके द्वारा फर्जीवाड़ा किया जा रहा है अधिकारियो को उनके नामों की लंबी फेहरिस्त मिल गई है.. जिसमें लगभग डेढ़ दर्जन लोगों के नाम है इनमे कुछ सीए भी शामिल है..?कर विभाग के अधिकारियों के द्वारा जांच में संदिग्ध जीएसटी खातों की पहचान करने के साथ ही फर्जी बिलों को जीएसटी नेटवर्क जीएसटीएन से बाहर करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं इनमें से फर्जी रजिस्ट्रेशन की पहचान के लिए जीएसटीएन पर विस्तृत आंकड़ा विश्लेषण और जोखिम अंको का सहारा लिया जाएगा और फर्जी रजिस्ट्रेशन की जानकारी मिलने के बाद संदिग्ध जीएसटी पहचान नंबर के वेरिफिकेशन के लिए तय अवधि में कदम उठाए जाएंगे,फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन को पकड़ने के लिए जीएसटी सर्टिफिकेट कॉपीके साथ
– आधार कार्ड- पैन कार्ड- रेंट एग्रीमेंट- लेटेस्ट इलेक्ट्रिसिटी बिल- कैंसल चेक करेंट बैंक अकाउंट- परचेज बिल कॉपी- सेल्स बिल कॉपी -ऑफिस साइन बोर्डकि मग जाच अधिकारी कर सकते है