Sunday, November 17, 2024
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हेलीकॉप्टर से स्‍कूल आना चाहता है प्रिंसिपल, शिक्षा विभाग को लिखा पत्र, वजह जो बताई, आप भी देंगे साथ

इस वक्‍त जम्‍मू-कश्‍मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है, जहां उमर अब्‍दुल्‍ला की नई सरकार हाल ही में बनी है. जम्‍मू रीजन के रियासी में स्थित एक स्‍कूल के हेड मास्‍टर यानी प्रिंसिपल ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है. उन्‍होंने अपने और स्‍कूल के स्‍टाफ के लिए हेलीकाप्‍टर की सेवा उपलब्‍ध कराने की डिमांड रखी है.
जम्‍मू-कश्‍मीर-देश के हजारों स्‍कूलों में रोजाना लाखों टीचर और करोड़ों बच्‍चे पहुंचते हैं. एक टीचर की जिम्‍मेदारी बच्‍चों का बेहतर भविष्‍य बनाने की होती है. वहीं, कागज और कलम की मदद से बच्‍चे स्‍कूल में मिलने वाले ज्ञान को संजोते हैं, ताकि वो एक बेहतर इंसान बन सके. जम्‍मू-कश्‍मीर में एक स्‍कूल ऐसा भी है, जहां हेड मास्‍टर ने शिक्षा विभाग के आगे एक ऐसी डिमांड रख दी है, जिसे देखने के बाद आला अधिकारी भी सर पकड़कर बैठ गए हैं. यह प्रिंसिपल चाहता है स्‍कूल को दो हेलीकॉप्‍टर दिए जाएं ताकि वो और उनका स्‍टाफ हवाई यात्रा कर रोज स्‍कूल पहुंचे और वापस घर लौटें.

यहां सवाल यह उठता है लंबी सेवाएं देने के बाद कोई टीचर प्रिंसिपल जैसे बड़े पद पर बैठता होता है. ऐसे में इतनी अहम जिम्‍मेदारी मिलने के बाद ऐसी क्‍या मजबूरी आ गई, जो इस प्रिंसिपल ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर हेलीकॉप्‍टर की मांग कर डाली. ऐसा करने से उसकी नौकरी पर भी बन आ सकती है. इस प्रिंसिपल को सस्‍पेंड भी किया जा सकता है. पत्र लिखने की असली वजह सरकारी तंत्र की पोल खोलने वाली है. इस हेड मास्‍टर का दर्द जानकर आप भी उनका साथ देने के लिए मजबूर हो जाएगे.

Head Master Helicopter demand

जरा जान लें प्रिंसिपल का दर्द
दरअसल, ये प्रिंसिपल जम्‍मू-कश्‍मीर के रियासी जिले के चिंकाह जोन के अंतर्गत एक स्‍कूल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. स्‍कूल का नाम गवर्नमेंट हाई स्‍कूल सेर सुंदवन है. ये स्‍कूल एकदम रिमोर्ट इलाके में स्थित है, जहां तक पहुंचने के लिए ना तो अच्‍छी सड़क मौजूद है और ना ही कोई साधन. ऐसे में प्रिंसिपल और उनके टीचर्स के लिए यहां तक पहुंच पाना ही टेढ़ी खीर बना हुआ है. अपने पत्र में इलाके की दुर्दशा का जिक्र करते हुए प्रिंसिपल ने बताया कि वो रोजाना स्‍कूल पहुंचने में लेट हो जाते हैं. लिहाजा यह अनुरोध किया जाता है कि इस स्‍कूल को दो हेलीकॉप्‍टर उपलब्‍ध कराए जाएं. एक हेलीकॉप्‍टर हेड मास्‍टर और दूसरा स्‍टाफ को समय पर स्‍कूल पहुंचाने में इस्‍तेमाल किया जाएगा.

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