श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच एशिया कप के सुपर फोर मैच में क्या जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला, मतलब पूरा मैच ही पैसा वसूल था. इस मैच के हीरो श्रीलंका के चरिथ असलंका (Charith Asalanka) बन गए, उन्होंने 47 गेंदों पर 49 रनों की नाबाद पारी खेली.
आखिरी की दो गेंदों पर श्रीलंका को 6 रन और आखिरी ओवर मे 8 रन चाहिए थे, असलंका शांतचित्त रहे और धैर्य बनाए रखा और मैच के हीरो बनकर लौटे. उनकी बदौलत ही श्रीलंका इतिहास में 11वीं बार एशिया कप के फाइनल में पहुंचा. इससे पहले कुसल मेंडिस (Kusal Mendis) ने 87 गेंदों पर 91 रनों की पारी खेलकर श्रीलंका को जीत के मुहाने तक पहुंचाया था. वहीं सदीरा समरविक्रमा पहुंचा. इससे पहले कुसल मेंडिस (Kusal Mendis) ने 87 गेंदों पर 91 रनों की पारी खेलकर श्रीलंका को जीत के मुहाने तक पहुंचाया था. वहीं सदीरा समरविक्रमा ने.भी 48 रन बनाए.
130 रन पर पांच विकेट गंवाने के बाद पाकिस्तान की टीम मुश्किल में थी। ऐसे में मोहम्मद रिजवान ने इफ्तिखार अहमद के साथ शतकीय साझेदारी मैच में पाकिस्तान की वापसी कराई। इस बीच बारिश की वजह से खेल रुका और ओवरों की संख्या घटकर 42 हो गई, लेकिन ये दोनों जमे रहे। इफ्तिखार 47 रन बनाकर आउट हुए। वहीं, रिजवान ने नाबाद 86 रन बनाए और पाकिस्तान का स्कोर 42 ओवर में 252/7 तक पहुंचा दिया।
श्रीलंका की पारी में क्या हुआ?
डकवर्थ लुईस नियम के तहत श्रीलंका के सामने 252 रन का ही लक्ष्य था। इसका पीछा करते हुए कुसल परेरा और निसांका ने तेज शुरुआत की, लेकिन परेरा आठ गेंद में 17 रन बनाकर रन आउट हो गए। शादाब खान के सटीक थ्रो ने उन्हें पवेलियन भेजा। मेंडिस ने निसांका के साथ अर्धशतकीय साझेदारी कर श्रीलंकाई पारी को आगे बढ़ाया, लेकिन निसांका 29 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद सदीरा समरविक्रमा और मेंडिस के बीच शतकीय साझेदारी हुई और श्रीलंका की जीत तय दिख रही थी। तभी समरविक्रमा 48 रन के निजी स्कोर पर इफ्तिकार का शिकार बने। इसके बाद असालंका और मेंडिस ने श्रीलंका का स्कोर 200 रन के पार पहुंचाया।
इफ्तिखार ने 91 रन के निजी स्कोर पर मेंडिस को आउट कर पाकिस्तान की वापसी के दरवाजे खोल दिए। इसके बाद उन्होंने शनाका को भी आउट किया और श्रीलंका की टीम दबाव में आ गई। शाहीन अफरीदी ने अपने आखिरी ओवर में धनंजय डे सिल्वा और दुनिथ वेलालगे को आउट कर श्रीलंका को मुश्किल में डाल दिया। आखिरी ओवर में जीत के लिए श्रीलंका को आठ रन चाहिए थे। अपने करियर का पहला वनडे मैच खेल रहे जमान खान ने आखिरी ओवर की शुरुआती चार गेंदों में सिर्फ दो रन दिए और मदुशन को रन आउट भी कर दिया। हालांकि, पांचवीं गेंद असालंका के बल्ले का बाहरी किनारा लेकर चार रन के लिए चली गई और आखिरी गेंद में उन्होंने आसानी से दो रन लेकर अपनी टीम को रोमांचक जीत दिलाई और रिकॉर्ड 12वीं बार फाइनल में पहुंचा दिया।