प्रदेश में धान खरीदी के मामले में कांग्रेस अपनी पीठ थपथपा रही है। इस मामले में अब भाजपा की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा है- धान खरीदी का सारा पैसा केंद्र का और मुफ्त का चंदन घिस रही है कांग्रेस। कांग्रेस का धान खरीदी में क्रेडिट लेना ऐसा है, जैसा बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना। धान खरीदी की 90 प्रतिशत राशि केंद्र की मोदी सरकार दे रही है तो राज्य की कांग्रेस सरकार किस बात का क्रेडिट ले रही है।
अरुण साव ने ये भी कहा कि धान खरीदी का जश्न मनाने का अवसर देने के लिए कांग्रेस मोदी सरकार को धन्यवाद दें। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसान हितैषी नीति के कारण छत्तीसगढ़ के किसानों की धान का सारा चावल केंद्र सरकार खरीद रही है और पूरे खर्च का भुगतान कर रही है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस धान खरीदी का जितना चाहे, जश्न मनाए लेकिन केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त करने की नैतिक जिम्मेदारी को दरकिनार कर वह श्रेय की राजनीति कर रही है तो हर किसान को मालूम है कि भूपेश बघेल मुफ्त का चंदन घिस रहे हैं और केंद्र सरकार ही किसानों को उनका हक दे रही है।
22 हजार करोड़ केंद्र के
भाजपा की ओर से कहा गया है – राज्य सरकार धान की खरीदी एक एजेंसी के रूप में कर रही है। 92 लाख मीट्रिक टन धान से बना हुआ चावल केंद्र सरकार खरीदेगी जिसमें समर्थन मूल्य, ट्रांसपोर्टेशन, बारदाना, कमीशन सूखत यह सब मिलाकर लगभग 22 हजार करोड़ रुपए का भुगतान केंद्र सरकार करेगी जबकि कुछ करोड़ रुपए का भुगतान राज्य सरकार करेगी। ऐसे में राज्य की कांग्रेस सरकार को जनता को यह बताना चाहिए कि धान खरीदी में लगने वाली राशि का 90 फ़ीसदी हिस्सा केंद्र दे रहा है।
जितना भूपेश सरकार दे रही किसी राज्य में भाजपा नहीं दे रही
छत्तीसगढ़ में 2640 रु एवं 2660 रु प्रति क्विंटल की दर पर 100 लाख़ मीट्रिक टन अधिक धान खरीदी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार छत्तीसगढ़ के किसानों की धान 2640 रुपए एवं 2660 रु के दर पर खरीदी कर रही है। धान की इतनी कीमत किसी भाजपा शासित राज्य में किसानों को नहीं मिल रहा है। प्रदेश में धान की कीमत में वृद्धि हो रही है। धान पैदा करने वाले किसानों की संख्या बढ़ रही है और धान उत्पादन रकबा भी बढ़ रहा है। भूपेश बघेल की सरकार ने अपने पिछले खरीफ वर्ष में खरीदी की गई धान के रिकॉर्ड को तोड़कर कर चालू खरीफ वर्ष में अब तक 100 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी कर चुकी है और प्रदेश के 95 प्रतिशत किसान अपना धान बेच चुके हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि अन्नदाताओं के परिश्रम का सम्मान भूपेश बघेल सरकार की पहली प्राथमिकता है। पिछली सरकार की तुलना में न केवल अधिक धान और अधिक किसान बल्कि अधिक दाम भी छत्तीसगढ़ के किसानों को मिल रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार का 1 नवंबर 2022 से शुरू हुई धान खरीदी का महाभियान निरंतर जारी है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2023 तक चलेगा। अब तक राज्य के करीब 23 लाख किसानों ने धान बेच लिए है, जिन्हें धान के एवज में 20 हजार करोड़ रूपए से अधिक का भुगतान बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत किया गया है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा है कि इस साल राज्य में 25 लाख 96 हजार किसानों का पंजीयन हुआ है, जिसमें लगभग 2 लाख 30 हजार नये किसान शामिल हैं। राज्य में धान खरीदी के लिए 2617 उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं। सामान्य धान 2040 रूपए प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान 2060 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है। धान खरीदी की व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। ऑनलाइन टोकन सारी भुगतान संबंधी पूरी मॉनिटरिंग की जा रही है।